लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी आंकड़े प्रस्तुत उपरांत प्रतिक्रिया देते हुए कहां है कि देश के प्रधानमंत्री 2014 का चुनाव बहुमत से जीत लिए चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी द्वारा जनता को यह कहा गया कि हम काला धन वापस लाएंगे जनधन खाते में 15-15 लाख रुपए जनता के खाते में जमा करेंगे देश की जनता इंतजार कर रही है? कहां है वह काला धन?
स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने एक आंकड़ा जारी किए जाने पर सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में स्विस बैंकों में सबसे ज्यादा रकम भारतीयों और भारतीय उद्योगपति कंपनियों के जमा हुए हैं। कोरोना काल में जहां कई भारतीय परिवार ऐेसे थे जिनका रोजगार समाप्त हो गया। कई भारतीय घर ऐसे थे जहां खाने पीने तक का संकट था। मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों को आर्थिक रुप से तोड़ कर रख दिया तो वहीं कई लोग ऐसे थे जिन्होंने किसी तरह से स्वयंसेवी और सामाजिक संगठनों की मदद से अपनी और अपने परिजनों का पेट पाला।भारतीय अर्थव्यवस्था को भी इस दौर ने बड़ा झटका लगा लेकिन जो आंकड़े सामने आए हैं यह अचंभित करने वाला है।
कोरोना के दौर में कई ऐसे भारतीय अमीर थे जिनके धन दौलत में भारी वृद्धि हुई और इनमें से बड़ी संख्या में अमीरों ने अपने पैसे स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा किए।केंद्रीय बैंक स्विट्जरलैंड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वहां के बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा किए गए रकम में भारी बढोतरी हुई है और अब यह रकम 2.55 अरब स्विस फ्रैंक यानी कि 20,700 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। ये आंकड़ा पिछले 13 वर्षों में सर्वाधिक है।
केंद्रीय बैंक, स्विट्जरलैंड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में स्विस बैंकों में भारतीयों की 6625 करोड़ रुपये जमा थे। वर्ष 2020 में यह बढ़कर 20,706 करोड़ रुपये हो गई।इसमें 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा कस्टमर डिपॉजिट13,500 करोड़ रुपये बॉन्ड, सिक्योरिटीज व अन्य वित्तीय विकल्पों से, 3100 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के माध्यम से, 16.5 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिए जमा हुए हैं।
सिंह ने यह आरोप लगाया है कि आंकड़े स्विस बैंकों काले धन की राशि को नहीं दर्शाते हैं, अर्थात ये पूरे आंकड़े कानूनन रुप से जमा धन राशि की है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को देश के सामने यह बताना चाहिए कि कैसे कोरोना की महामारी में इतने व्यापक पैमाने पर देश का पैसा स्विस बैंकों में जमा हो गया क्योंकि काला धन वापस लाने के नाम पर ही देश की जनता ने उन्हें बहुमत दिया था।