भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि न सिर्फ उनकी पार्टी बल्कि देश की आत्मा को समझने वाले सभी लोग संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि जहां तक सीएए का सवाल है, केवल सपा ही नहीं बल्कि देश की आत्मा को समझने वाला हर व्यक्ति इसका विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि महिलाओं ने बढ़त ली और बडी संख्या में युवा भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
पार्टी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद अखिलेश ने कहा कि महात्मा गांधी और भीमराव आंबेडकर भेदभाव के खिलाफ थे।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा धर्म के नाम पर भेदभाव कर रही है और समाज को बांट रही है। भाजपा संविधान से खिलवाड़ कर रही है क्योंकि उसके पास बहुमत है, लेकिन बहुमत से वे आम आदमी की आवाज को दबा नहीं पाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में अखिलेश ने कहा कि योगी अपने भाषणों में कहते हैं,‘ठोंक दिया जाएगा। यह किसी राजनेता की भाषा नहीं हो सकती है। भाजपा ने वोट की खातिर चुनावी रैलियों के दौरान कब्रिस्तान और श्मशान तथा दीवाली और रमजान का मुददा उठाया ।
बता दें कि इससे पहले भी अखिलेश सीएए को लेकर सरकार पर हमलावर हुए थे। अखिलेश यादव ने संशोधित नागरिकता कानून वापस लेने के बारे में गृह मंत्री अमित शाह के ‘एक इंच भी पीछे नहीं हटने के बयान’ पर कहा था कि अगर सरकार नहीं मानी तो महाभारत होगी।
दरअसल अखिलेश ने एक विवाह समारोह से इतर बात चीत करते हुए सीएए पर एक इंच भी पीछे नहीं हटने के शाह के बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि आपने महाभारत पढ़ी है? उसमें भी कहा गया था कि सूई की नोक बराबर भी जमीन नहीं देंगे। उसके बाद क्या हुआ? सीएए पर अगर सरकार नहीं मानी तो महाभारत होगी।