लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस प्रत्येक वर्ष 18 मई को मनाया जाता है। वर्ष 1983 में 18 मई को संयुक्त राष्ट्र ने संग्रहालय की विशेषता एवं महत्व को समझते हुए अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (International Museum Day) मनाने का निर्णय लिया। इसका मूल उद्देश्य जनमानस में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता तथा उनके कार्यकलापों के बारे में जन जागृति फैलाना था। साथ ही यह भी उद्देश्य था कि लोग संग्रहालयों के माध्यम से अपने इतिहास एवं कला, संस्कृति को नजदीक से जाने व समझें।
इसी श्रृंखला में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन कर शहर भर में संग्रहालय होने के मायने और उसके प्रति जागरूकता फ़ैलाने में सराहनीय कार्य किया।
इस तीन दिवसीय आयोजन में शहर के प्रमुख सार्वजानिक स्थानों पर राज्य संग्रहालय लखनऊ की विशिष्ट मूल कलाकृतियों के छायाचित्र पर आधारित प्रदर्शनी एवं कठपुतली प्रदर्शन,राज्य संग्रहालय लखनऊ की विशिष्ट मूल कलाकृतियों के छायाचित्र पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन एवं कठपुतली प्रदर्शन, शुक्रवार को ऑन द स्पॉट पेंटिंग व स्केचिंग प्रतियोगिता में राज्य संग्रहालय में संगृहीत मूर्ति शिल्पों को फैकल्टी ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लैनिंग, एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ, गोयल कॉलेज ऑफ़ आर्ट लखनऊ, टेक्नो कॉलेज ऑफ़ इंस्टीट्यूट लखनऊ एवं कॉलेज ऑफ़ आर्ट लखनऊ के लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने अपने कैनवस पर रंगों व रेखाओं के माध्यम से उतारा किया गया।
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शनिवार को हुए ऑन द स्पॉट पेंटिंग व स्केचिंग प्रतियोगिता में पुरस्कार के लिए सभी चयनित प्रथम,द्वितीय,तृतीय व प्रोत्साहन प्राप्त छात्रों को पुरस्कृत किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर राज्य संग्रहालय, लखनऊ एवं लोक कला संग्रहालय, लखनऊ संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताएं के पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन राज्य संग्रहालय, लखनऊ के सभागार में किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ वन्दना सहगल, प्रधानाचार्य (डीन), वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय एवं राज्य संग्रहालय के निदेशक संग्रहालय की निदेशक डॉ सृष्टि धवन (पीसीएस) उपस्थित रहीं। इन्ही के माध्यम से सभी को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत छात्रों को प्रमाण पत्र और प्रतीक चिन्ह दिया गया अन्य सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया गया।
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फैकल्टी ऑफ़ आर्किटेक्चर एंड प्लैनिंग, एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के बीआर्क प्रथम वर्ष के प्रतिभाग किये 29 छात्रों में से 3 छात्र तृतीय पुरस्कार से उत्कर्ष गुप्ता, प्रोत्साहना पुरस्कार से शिवम त्रिपाठी व अभिनन्दिता गुप्ता को पुरस्कृत किया गया।
उत्कर्ष गुप्ता ने 9वीं शती में बनी मूर्तिशिल्प नृत्य गणपति, शिवम त्रिपाठी ने आठवीं शती की मूर्तिशिल्प सप्तमातृकापट्ट और अभिनन्दिता गुप्ता ने 11वीं शती में बनी मूर्तिशिल्प सिंघनाद अवलोकतेश्वर को रंग और रेखाओं के माध्यम से अपने कैनवास पर उकेरा। समारोह में संकाय से गिरीश पांडेय, भूपेंद्र कुमार अस्थाना, धीरज यादव, रत्नप्रिया, शुभा त्रिपाठी उपस्थित रहे।