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इन 5 टिप्स के जरिए साल 2021 में अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को बनाए और भी मजबूत

नया साल दस्तक दे रहा है और नए साल में आपकी सेहत के साथ वित्तीय सुरक्षा भी दुरुस्त रहे, इसका भी इंतजाम करना होगा. वित्तीय सुरक्षा के लिए बचत के साथ निवेश की बड़ी भूमिका है. इस साल आपकी निवेश प्लानिंग क्या होनी चाहिए, इस पर ध्यान देने की जरूरत है. हम आपको 5 निवेश टिप्स दे रहे हैं. ये टिप्स आपकी फाइनेंशियल और इनवेस्टमेंट प्लानिंग में काफी कारगर साबित हो सकते हैं.

कंपाउंडिंग का जादू

अगर आप युवा हैं और आपने नई नौकरी शुरू की है तो यह बिल्कुल सही वक्त है निवेश शुरू करने का. आप म्यूचुअल फंड, बैंक और डाक घर की बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं. जल्दी निवेश करने का फायदा कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के तौर पर मिलता है. आपको एक लंबा वक्त निवेश के लिए मिलता है और चक्रवृद्धि ब्याज की बदौलत एक बड़ी राशि आपके अकाउंट में जमा हो जाती है. इसलिए कहा जाता है कि जितनी जल्दी निवेश करेंगे उतनी बड़ी रकम के हकदार बन पाएंगे.

ईपीएफ के साथ वीपीएफ

सिर्फ ईपीएफ (पीएफ) में ही योगदान करना काफी नहीं. आपको वीपीएफ ( Voluntary Provident Fund) में भी योगदान करना चाहिए. वीपीएफ का फायदा आप अपने एम्पॉलयर के जरिये उठा सकते हैं. आपका पर्सनल डिपार्टमेंट इसमें आपकी मदद करता है. इसमें पीएफ जितना ही ब्याज मिलता है.पीएफ में योगदान पर मिलने वाला टैक्स लाभ भी वीपीएफ में मिलता है.

डाइवर्सिफिकेशन

कहते हैं सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखने चाहिए. कहने का मतलब यह है कि आपको सारा निवेश एक ही इंस्ट्रूमेंट में नहीं करना चाहिए. यानी आपको अपना सारा इनवेस्टमेंट न तो इक्विटी और न ही प्रॉपर्टी में करना चाहिए. इसके बजाय आपको डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान रखना चाहिए. यानी निवेश अपनी जरूरत और जोखिम क्षमता के हिसाब से डाइरेक्ट इक्विटी(शेयर बाजार), प्रॉपर्टी, फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स, म्यूचअल फंड और गोल्ड में होना चाहिए.

लिक्विडिटी

निवेश को लिक्विड होना भी जरूरी है. यानी ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में पैसा लगाएं, जिसे जरूरत पड़ने पर तुरंत इस्तेमाल करें. फिक्स्ड डिपोजिट या म्यूचुअल फंड में निवेश लिक्विड होता है. यानी एफडी तुड़वा कर जरूरत के वक्त पैसे का इस्तेमाल किया जा सकता है. म्यूचुअल फंड में निवेश का भी इस्तेमाल इस तरह से हो सकता है. इसलिए निवेश का लिक्वडिटी का भी ध्यान रखना जरूरी है.

रिटायरमेंट प्लानिंग

रिटायरमेंट प्लानिंग भी आपकी इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजी का हिस्सा होना चाहिए. रिटायरमेंट के बाद आपकी नियमित आय बंद हो जाती है. इसके लिए पीपीएफ और एनपीएस सबसे अच्छे इंस्ट्रूमेंट्स है. पीपीएफ पर निवेश में टैक्स छूट है. एनपीएस यानी न्यू पेंशन सिस्टम में नियमित निवेश आपके रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय चिंताएं खत्म करता है.

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