कमरदर्द से हम सभी कभी न कभी परेशान जरूर होते हैं. उठने-बैठने के गलत पॉश्चर से यह समस्या व भी बढ़ जाती है. ऐसे में आयुर्वेदिक इलाज से रोगी को राहत पहुंचाई जा सकती हैं.
प्रमुख कारण
गलत आदतें कमरदर्द का प्रमुख कारण है जैसे कम्प्यूटर के आगे या कार्यालय में लगातार बैठकर कार्य करना, उठने-बैठने और चलने का गलत तरीका, हड्डियां निर्बल होना, शारीरिक श्रम न करना या ज्यादा करना व अत्यधिक तनाव जैसे कारणों से मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है और नसों की ताकत कम हो जाती है. जब यह प्रक्रिया लगातार चलती है तो कमर के निचले हिससे में दर्द और पैर सुन्न हो जाते हैं. कई बार दर्द एड़ी तक चला जाता है व स्थिति बिगड़ जाती है. दवाओं से जब आराम नहीं मिलता तो चिकित्सक ऑपरेशन की सलाह देते हैं. कमरदर्द के अधिकांश मामलों में slip disc की वजह बन जाता है. ऐसे में कटि बस्ति थैरेपी लाभकारी होती है. साथ ही आयुर्वेदिक औषधियों, योग व नियमित व्यायाम के एक्सरसाइज से रोगी को आराम मिलता है.
इसके लाभ
जड़ी-बूटियों से बने हुए गर्म ऑयल एवं औषधियों के गुण कमर की मांसपेशियों के सूक्ष्म ऊत्तकों में समा जाते हैं जिससे कमर की मांसपेशियों की जकडऩ और सूजन दूर होती है. खून का दौरा बढ़ता है, मांसपेशियों, हड्डियों एवं नसों को पोषण मिलने से इनमें मजबूती आती है व तनाव दूर होकर दर्द में राहत मिलती है.