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सबका साथ सबका ध्यान

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

कोरोना से मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। उनके द्वारा उठाये गए कदमों का अनेक देश तुरंत अनुकरण करते है। जनता कर्फ्यू, ताली ताली नाद,दीप मोमबत्ती प्रकाश आदि के समय यह नजारा विश्व में दिखाई दिया था।

इसी क्रम में मोदी सरकार ने भारी आर्थिक पैकेज भी लागू किया था। यदि इन सभी प्रयासों को देखें तो स्पष्ट होता है कि मोदी सबका साथ और सबका ध्यान नीति पर अमल कर रहे है। उनके प्रत्येक कदम सबको साथ लेकर चलने के लिए ही उठ रहे है। जनता कर्फ्यू से इसकी शुरुआत हुई थी। इन सभी माध्यमों से वह सभी का ध्यान रख रहे है। उनका प्रयास है कि सभी लोग अपने घरों में सुरक्षित रहे।

इसके अलावा वह विपक्ष के नेताओं से वार्ता कर चुके है। सभी मुख्यमंत्रियों से उन्होने दूसरी बार वीडियो कांफ्रेसिंग वार्ता की है। मोदी की यह मीटिंग मुख्यमंत्रियों के साथ थी। लेकिन वह आमजन को भी बड़ा सन्देश दे रहे थे। मोदी ने अपने मुंह पर गमछा लपेटा था। इस तरह उन्होने कोरोना से बचाव का सन्देश दिया। वह कोरोना के सेकेंड से थर्ड स्टेज से पहले बचाव प्रयासों को प्रभावी बनाना चाहते है। लॉक डाउन को फिलहाल जारी रखने का अन्य कोई विकल्प शायद नहीं है। नरेंद्र मोदी ने इस संबद्ध में राज्यों को बताया भी था। बैठक में ज्यादातर मुख्यमंत्री देश में एक बार लॉकडाउन बढ़ाने पर सहमत दिखे।

पीएम मोदी ने इस सम्बंध में राज्यों से विचार देने को कहा था। कोरोना के खिलाफ जंग में सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा मास्क बहुत उपयोगी है। मोदी ने तीन दिन पहले लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से कहा था कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जाएगा।

हर व्यक्ति के जीवन को बचाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कई राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है।

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