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तबादले की तलवार, कबाड़ियों का व्यापार

यदि बांध लिया पांव में घुंघरू तो स्टेज से क्या डर और नौकरी है सरकारी तो होता रहेगा ट्रांसफर। यदि आप सरकारी नौकरी में हैं तो ट्रांसफर रूपीअंश के दंश को झेलना लाजमी है।भले ही देर हो, लेकिन उलटफेर होना निश्चित है।जिस तरह सरकार आती जाती रहती है वैसे सरकारी कर्मचारी भी होते हैं इनका भी आना जाना लगा रहता है। यदि बदल गई सरकार तो आप पर लटक सकती है ट्रांसफर की तलवार।जिस तरह नेता जीतकर जाते हैं, सरकार बनाने के बाद मलाईदार मंत्रालय के लिए जुगत भिड़ा कर अपना गोटी सेंकने में लगे रहते हैं।कर्मचारी भी उसी कुर्सी को जो मलाई की पूर्ति करती है उस पर सख्त टकटकी लगाए रहते हैं। बढ़िया पोस्टिंग के लिए उम्दा या बढ़िया सेटिंग करना जरूरी होता है।

गर्मी के महीनों में इसकी प्रक्रिया की रफ्तार इतनी तेज हो जाती है कि इसके सामने बुलेट ट्रेन की रफ्तार धीमी लगती है।इसलिए गर्मी का महीनाआने के पूर्व अपनी मर्जी से तबादला का अर्जी दिए हैं तो पहले से लग जाना जरूरी होता है। हालांकि इसका दौर देर सबेर साल के बारहों महीने चलता रहता है।

जिस कर्मचारी का पोस्टिंग मन युक्त हो जाता है उसका तो सोने पर सुहागा, पौ बारह हो जाता है।लेकिन जिसकी पोस्टिंग मन के लायक नहीं होती वह दो-तीन साल कोढ़ में खाज की तरह ,मुंह सिकुड़ाकर खुजलाते रहते हैं।और सिस्टम पर उंगली उठाते रहते हैं। काश!मैं कुछ ले देकर बॉस को पटाया होता तो आज भी मुंह को मलाई में डुबोये रहता,पहले वाले पोस्टिंग की तरह।लेकिन थोड़ी सी भूल के कारण आज हाफ रहे हैं,नहीं तो पहले की तरह मलाई चांप रहे होते। आज मैंने व्यवस्था की चारपाई पर तोषक रूपी पत्रम-पुष्पम बिछाई होती तो मेरी कुर्सी मुझसे बेवफाई नहीं कर पाती जिस पर लंबे समय तक अपने साथ बैठाई है।इतनी जल्दी मेरी रिहाई नहीं होती। खैर,चाहे कोई भी रीजन हो लेकिन ट्रांसफर के इस सीजन में वगैर विजन का जिसने डिसीजन लिया है मेरे लिए तोअच्छा नहीं किया। लेकिन हारे हुए नेताओं से प्रेरणा लेकर अभी से ही मैदान में डटिएगा तभी आप नगद नारायण आने वाले कुर्सी पर बैठिएगा।अमल करते रहिए,कैसे मिलेगी कुर्सी उसी रास्ते पर चलते रहिए।

ट्रांसफर के और अनेकों फायदे हैं।तबादला से कबाड़ियों के कारोबार में जबरदस्त वृद्धि होती है। सरकारी कालोनियों में अक्सर देर-सबेर कबाड़ियों काआना जाना लगा रहता है। और जिस कर्मचारी के बारे में तबादले की सूचना मिलती है वहां पर इनका आना-जाना,उनकी अपनी कमाई दिखाई पड़ने लगता है।इसलिए जो वस्तु बेकार है वह फालतू ले जाने के पहले सोचेंगे।

       राजेंद्र कुमार सिंह

हालांकि बहुत कर्मचारी गण जब सरकारी खर्च पर मुफ्त में माल ढुलाई होना है तो ये भंगार के अंबार का भी सफर करा देते हैं। लेकिन ये सब ले जाकर क्या करुंगा,ऐसा सोचने वाले नगण्य ही होते हैं। इसलिए औने-पौने दाम में बेचकर निकल जाते हैं, जिससे कबाड़ियों के कारोबार में भरपूर मुनाफा होता है। इसलिए जितनी दफा तबादला होगा कारोबार में उतना ही मुनाफा होगा।

आपको जहां जाना है वहां के कबाड़ी भीआपके इर्द-गिर्द मंडराते रहते हैं।गाड़ी से सामान उतरते लंबी दूरी का मार झेलते पुरानी चीजों की मजबूती का पता चल जाता है। पुरानी चीजे भी वाहनों के उठा-पटक में बहुत समान चटक जाता है। और स्वाभाविक है नये सिरे से ही नये क्वार्टर में प्रवेश करेंगे तो कबाड़ का वहां क्या काम? इसलिए वहां के कबाड़ी भी सरकारी कालोनियों में कर्मचारियों से संबंध बना के रखते हैं, क्योंकि अच्छा कमाने का जरिया मिलते रहता है। जब-जब सरकारी कर्मचारी की एक जगह से दूसरी जगह ट्रासफर या विदाई होती है कबाड़ियों के कारोबार में जबरदस्त इजाफा या यूं कहें मुनाफा होती है,कमाई होती है।मानों मन-ही-मन सरकार से लगाते हैं गुहार- मेरे सरकार कर्मचारियों का ट्रांसफर होता रहे लगातार।और मेरा बढ़ता रहे व्यापार।इस लेख में बस इतना ही।प्रणाम,सत् श्री अकाल, आदाब,नमस्कार,जय भीम,जोहार

 

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