यूपीए सरकार के समय दलगत आधार पर राज्यों के साथ भेदभाव किया जाता था। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी स्वयं इसके भुक्तभोगी थे। गुजरात को मिलने वाली केंद्रीय सहायता में ही भेदभाव नहीं होता था,बल्कि राजनीतिक विद्वेष भी चरम पर था। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने इस परम्परा को बंद किया।
उन्होंने सहयोगी संघवाद का नया अध्याय शुरू किया। यह संविधान की भावना के अनुरूप था। नीति आयोग के माध्यम से राज्यों के अधिकार व सहायता में वृद्धि की गई। लेकिन बंगाल,केरल पंजाब आदि ऐसे राज्य थे जिन्होंने विपरीत आचरण किया। इन्होंने राजनीतिक विद्वेष के चलते केंद्र की अनेक कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं किया। इससे यहां के गरीबों, किसनों व अन्य जरूरतमन्दों तक सहायता नहीं पहुंची।
भारतीय संविधान में संघात्मक शासन व्यवस्था का प्रावधन किया गया। यह अपेक्षा की गई कि राष्ट्र हित मे केंद्र व राज्य परस्पर सहयोग की भावना से कार्य करेंगे। अलग अलग पार्टियों की सरकार होने के बाद भी यह आदर्श व्यवस्था में अंतर नहीं होना चाहिए। ये बात अलग है कि केंद्र व राज्यों के बीच टकराव भी होते रहे है। किंतु कोरोना संकट के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों को साथ लेकर चलने का कारगर प्रयास किया है। इस अवधि में वह समय समय पर राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग संवाद करते रहे है। इसमें वह आपदा राहत कार्यों पर विचार करते है। बिना किसी भेदभाव के राज्यों को पर्याप्त सहायता का निर्णय लिया जाता है।
ममता बनर्जी,कांग्रेस व उसके सहयोग से मुख्यमंत्री बने कतिपय अपवाद छोड़ दें,तो सभी राज्यों ने सहयोगी संघवाद का ही परिचय दिया है। इसका लाभ भी मिला। वर्तमान केंद्र सरकार का मानना है कि देश की विकास यात्रा में सभी राज्यों की भूमिका व योगदान आवश्यक है। नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान इन तथ्यों का उल्लेख किया। कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार सहयोगी संघवाद की भावना से कार्य कर रही है। तमिलनाडु जैसे अनेक राज्यों को इसका लाभ मिल रहा है। केंद्र की कल्याणकारी योजनाएं यहां प्रभावी रूप से लागू की जा रही है।
गरीबों किसानों को सीधी राहत मिल रही है। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार के सहयोग से हासिल हुई उपलब्धियों का उल्लेख किया। इसी के साथ कांग्रेस व द्रमुक पर जन जन आकांक्षाओं की अवहेलना का आरोप लगाया। तमिलनाडु में एनडीए सरकार की कोशिश इंफ्रास्ट्रक्चर,खेती और इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने की है। दक्षिण तमिलनाडु में बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है। अब यहां पर ईज़ ऑफ लिविंग पर जोर दिया जा रहा है,ताकि टूरिज्म के क्षेत्र को बढ़ावा मिले
तमिलनाडु में सोलह लाख से अधिक पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। सरकार जल जीवन मिशन के जरिए हर घर पानी पहुंचाने की कोशिश में है। अगले कुछ वर्षों में यहां पर टैक्सटाइल पार्क बनाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक कारणों से कई प्रदेशों ने किसानों को सम्मान निधि नहीं दी है।
भाजपा सरकार बनने पर इन राज्यों के किसानों को पिछली अवधि का भी किसान सम्मान प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी सभाओं में डबल इंजन सरकार के लाभ बता रहे है। इनका कथन तथ्यों व प्रमाणों पर आधारित है।