महाराष्ट्र की शिवसेनानीत उद्धव ठाकरे सरकार भी दिल्ली सरकार की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर हर माह 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की योजना लागू करने पर विचार कर रही है. जामकारी के अनुसार अगले तीन महीने में सरकार इस बारे में निर्णय ले लेंगी. इस संबंध में राज्य के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है.
बिजली मुफ्त देने वाली योजना के बारे में नितिन राउत ने कहा कि राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना पर काम किया जा रहा हैं. इसलिए मैंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को तीन माह के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. हालांकि, राउत के इस फैसले को लेकर विश्लेषकों के मन में कुछ संशय है. उनका कहना है कि मुफ्त बिजली देने पर सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ेगा और इससे वित्तीय हालत को चोट पहुंचेगी.
इस बारे में ऊर्जा विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि राज्य के लोगों को सस्ती बिजली देने की संभावनाओं पर काम किया जा रहा है. वैसे भी किसानों और उद्योगों को पहले से ही सब्सिडी वाली बिजली दी जा रही है.
अधिकारी ने बताया कि उत्पादन खर्च में कमी और बकाया बिजली बिलों की वसूली से सस्ती से ऊर्जा मंत्री के सपने को साकार किया जा सकता है. महाराष्ट्र में बिजली उपभोक्ताओं पर करीब 36,000 करोड़ रुपये बकाया है. बिजली के बकाएदारों में किसानों की संख्या अधिक है.
अगर यह बकाया मिल जाता है तो आम आदमी से लेकर किसान और उद्योगपतियों को भी लाभ 100 यूनिट तक बिजली दी जा सकती है. 100 यूनिट तक की बिजली मुफ्त किए जाने के बाद जनता को काफी राहत मिलेगी.
हालांकि, 100 यूनिट से ज्यादा खपत करने वाले भी इसी तर्ज पर छूट दिए जाने की मांग कर रहे हैं. 200 यूनिट तक खर्च करने वालों के लिए भी छूट देने का प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. मालूम हो कि दिल्लीवालों के लिए केजरीवाल सरकार ने बड़ा ऐलान किया था. अब यहां 200 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर कोई बिल नहीं आएगा.
वहीं 201 के बाद एक भी यूनिट ज्यादा होने पर बिल देना होगा. हालांकि, उस पर भी (400 यूनिट) तक 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. दिल्ली में 1 अगस्त से यह स्लैब लागू हो गया है. कमर्शियल मीटर पर यह लागू नहीं है. 200 यूनिट या इससे कम खपत पर बिल शून्य होगा. न तो फिक्स्ड चार्ज देना होगा और न ही अन्य कोई चार्ज.