सुप्रीम कोर्ट में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की अर्जी पर सुनवाई 14 अगस्त तक के लिए टाल दी गई है। फाइनल ईयर या सेमेस्टर की परीक्षाओं को लेकर सुुप्रीम कोर्ट में आज, 10 अगस्त 2020 को हुई सुनवाई के बाद मामले को 14 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है। अब इस पर शुक्रवार को अदालत लगेगी। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि सिर्फ दो राज्यों ने हलफनामा दाखिल किया है, जबकि परीक्षा पूरे देश में होनी है। एसजी ने अन्य राज्यों कि ओर से हलफनामा तलब करने को ध्यान में रखते हुए सुनवाई को टालने कि मांग की।
सूत्रों के मुताबिक एसजी ने कहा कि यह छात्रों के हित में नहीं होगा कि परीक्षा ना हो। इस मामले में तत्काल दिल्ली और महाराष्ट्र से हलफनामा तलब करे अदालत, क्योंकि उन्होंने परीक्षा रद्द कर दी है। भले ही इस मामले में अदालत कल सुनवाई करे।
जानकारी के अनुसार यूजीसी को दिल्ली-महाराष्ट्र के जवाब पर सुनवाई से पहले हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत महाराष्ट्र और दिल्ली ने अंतिम परीक्षाओं को रद्द कर दिया था. बता दें कि एक तरफ स्टूडेंट एग्जाम नहीं करवाने की बात कर रहे हैं वहीं यूजीसी यह ऑप्शन देख रहा है कि कोरोना काल में परीक्षा किस तरह करवाई जा सकती हैं।
UGC ने कहा था होनी चाहिए परीक्षा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और दूसरे उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को जरूर कराए जाने का सर्कुलर जारी किया था। फिर इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सर्कुलर में कहा गया थी कि एग्जाम 30 सितंबर 2020 तक करवा लिए जाने चाहिए। अलग-अलग यूनिवर्सिटीज के 31 स्टूडेंट्स ने इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
बता दें कि छात्रों द्वारा दायिचका में मांग की गयी है कि विश्वविद्यालयों या अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को रद्द किया जाना चाहिए और छात्रों के रिजल्ट उनके इंटर्नल एसेसमेंट या पास्ट पर्फार्मेंस के आधार पर तैयार किये जाने चाहिए।