प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के कार्य करने का अंदाज विलक्षण है.वह राष्ट्रीय हित और गौरव से जुड़े अवसरों पर ज़न सहभागिता सुनिश्चित करते हैं. आजादी के अमृत महोत्सव की पूरी रूपरेखा भी इसी विचार के अनुरूप रही हैं. इसके अंतर्गत होने वाले सभी आयोजनों में शिक्षण संस्थानों को सहभागी बनाया गया. हर घर तिरंगा भी ज़न अभियान के रूप में संचालित हुआ. पिछले दिनों भारत जी 20 का अध्यक्ष बना है. नरेन्द्र मोदी ने इसको भी ज़न मानस से जोड़ने की कार्ययोजना बनाई. इसके द्रष्टिगत उन्होंने राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों से संवाद भी किया था.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल उसमें शामिल हुईं थीं. वह प्रधानमंत्री मंत्री की मंशा के अनुरूप विश्वविद्यालयों को जागरूक कर रही है. उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में जी-20 देशों की बैठकें 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2022 तक आयोजित की जा रही हैं।
समग्र विकास के कदम- डॉ दिनेश शर्मा
विश्वविद्यालयों को इस इवेंट में उत्साह के साथ प्रतिभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए. विदेशी भाषा के जानकार छात्र इसमें प्रतिनिधियों से संवाद करके जानकारियों के प्रचार-प्रसार, विश्वविद्यालय के नवाचारों, स्टार्ट अप तथा अन्य गतिविधियों के डिजिटल प्रचार तथा प्रदर्शनी के आयोजन द्वारा हिस्सेदारी कर सकते हैं। आनंदीबेन पटेल राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहीं थीं.
उन्होने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में सक्रिय होने, विद्यार्थियों के लिए रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को बहुतायत से संचालित करने, नैक से ग्रेडिंग प्राप्त होने, अपनी शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विविध शैक्षिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों से एमओयू करने को सराहनीय बताया. कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं को समाज के वंचित वर्ग के अनुरूप कार्यक्रम चलाने की अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण महिलाओं और दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। राज्यपाल ने मटकी में जल भरकर जल और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया.
रिपोर्ट-डॉ-दिलीप अग्निहोत्री