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डा. पीके जैन के यौन रोग क्लिनिक और विशेषज्ञ के खिलाफ यूपी आयुष विभाग और पुलिस महकमे ने कसा शिकंजा, कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की शिकायत पर हुई कार्यवाही

यूपी की राजधानी लखनऊ में गैरकानूनी रूप से स्वयंभू रूप से यौन रोग विशेषज्ञ बन बैठे आयुर्वेदिक डॉक्टर पीके जैन, पियूष जैन और संचय जैन द्वारा लखनऊ की लाटूश रोड पर बांसमंडी चौराहे के आगे होटल आशा के पास डा. पीके जैन’s क्लीनिक प्राइवेट लिमिटेड तथा हुसैनगंज मेट्रो स्टेशन गेट संख्या 2 के सामने होटल मेरा मन के पास डा. पीके जैन’s महराणा क्लीनिक प्राइवेट लिमिटेड नाम के आयुर्वेदिक क्लीनिक्स को यौन रोग ( सेक्स ) क्लीनिक्स के रूप में अवैधानिक रूप से प्रचारित-प्रसारित करने के खिलाफ सूबे के आयुष विभाग और लखनऊ के पुलिस महकमे ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। स्थानीय राजाजीपुरम निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा की शिकायतों को जांच के बाद सही पाते हुए आयुष विभाग और लखनऊ पुलिस के अधिकारियों ने इन डॉक्टर्स और क्लीनिक्स के सेक्स क्लीनिक्स और सेक्सोलोजिस्ट वाले विज्ञापनों को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है।

संजय कहते हैं कि यह सुनने में तो अटपटा लग सकता है लेकिन मेडिकल टर्म में कोई खुद को सेक्सॉलजिस्ट या यौन रोग विशेषज्ञ नहीं कह सकता है। सेक्सॉलजिस्ट बनने के लिए MBBS के बाद भी कोई स्पेशल ब्रांच नहीं है। इसके लिए कई ब्रांच की पढ़ाई करनी होती है जिनमें साइकायट्री, एंड्रॉलजी, यूरोलॉजी जैसे कई कोर्सों के बाद इंसानी सेक्सुअल रेस्पॉन्स जैसे विषयों में पीएचडी जैसी डिग्रियां हासिल करनी होती हैं। लेकिन पी.के. जैन, पियूष जैन और संचय जैन के द्वारा मात्र आयुर्वेदिक विधा की डिग्री के आधार पर पंजीकरण कराकर मरीजों के साथ धोखाधड़ी करते हुए खुद को सेक्सोलोजिस्ट और अपने क्लीनिक्स को सेक्स क्लीनिक्स के रूप में गैरकानूनी रूप से स्थापित करने वाले विज्ञापन और दावे इन्टरनेट, सोशल मीडिया,मीडिया, नगर निगम के होर्डिंग्स आदि माध्यमों से किये जाने की शिकायत मोबाइल हेल्पलाइन 7991479999 पर प्राप्त होने पर उन्होंने प्रमाणों के साथ मुख्यमंत्री को शिकायतें भेजी थीं जिसके बाद सूबे का सरकारी अमला हरकत में आया है।

क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, लखनऊ ने सिसवारा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डा. शीलेन्द्र को संजय की शिकायत की जांच सौंपी। शीलेन्द्र ने इन डॉक्टर्स को अवैधानिक प्रचार करने का दोषी पाते हुए विज्ञापनों से यौन रोग विशेषज्ञ हटाने का आदेश देने के साथ-साथ भविष्य में विज्ञापन जारी करने से पहले विज्ञापन हेतु विभागीय अनुमति लेने तथा विज्ञापन शुल्क जमा कराने के निर्देश दिए और दोनों क्लीनिक्स से औषधियों के नमूने परीक्षण के लिए सीज किये।इन नमूनों को विश्लेषण के लिए राजकीय औषधि प्रयोगशाला भेजे जाने की बात भी शीलेन्द्र ने अपनी जांच आख्या में लिखी।

संजय बताते हैं कि जब आयुर्वेदिक विभाग की जांच के बाद भी डॉक्टर पीके जैन, पियूष जैन, संचय जैन और इनकी क्लीनिक्स के नंबर वन सेक्सोलोजिस्ट तथा सेक्स क्लीनिक्स जैसे दावों वाली प्रचार सामग्री इन्टरनेट,सोशल मीडिया और नगर निगम के होर्डिंग्स से नहीं हटे तो उन्होंने पुनः मुख्यमंत्री को शिकायतें भेजीं जिन पर कार्यवाही करते हुए राजधानी के थाना हुसैनगंज के उपनिरीक्षक चन्द्रभान गिरि ने इन डॉक्टर्स द्वारा विवादित शब्दों वाले विज्ञापन हटा लेने का वादा करने की बात बताई है, थाना नाका के प्रभारी निरीक्षक ने संजय की शिकायत को सही पाते हुए पुलिस महकमे के मार्फत आयुष विभाग को दो बार रिपोर्ट भेजी है और कैसरबाग़ के सहायक पुलिस आयुक्त ने प्रकरण का सीधा सम्बन्ध प्रशासकीय आयुष विभाग से होने के आधार पर किसी पुलिस कार्यवाही की आवश्यकता नहीं होने की बात कही है।

संजय ने सूबे के सीएम को पत्र लिखकर मांग की है कि सूबे में सेक्स एजुकेशन और साइको-सेक्शुअल अवेयरनेस को बढाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को बढ़ाया जाए तथा साइको-सेक्शुअल काउंसलिंग के विषय पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों को बढ़ावा दिया जाए ताकि ऐसे मरीज़ पी.के. जैनs और इनके क्लीनिक्स जैसे झूंठे विज्ञापनों के ज़रिए की जा रही धोखाधड़ी से बचे रहे।

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