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वेणुगोपाल ने फेसबुक CEO मार्क जुकरबर्ग को फिर लिखा पत्र, पूछा- कहां तक पहुंची हेट स्पीच मामले की जांच

कांग्रेस ने फेसबुक-व्हाट्सअप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठजोड़ के मुद्दे की जांच को लेकर शनिवार को एक बार फिर सोशल नेटवर्किंग कंपनी के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखा है। पत्र में पूछा गया है कि पिछली बार के पत्र में जिन मुद्दे को कांग्रेस पार्टी ने उठाए थे उसे लेकर आपकी तरफ से क्या कदम उठाए गए और आपकी जांच किस स्तर पर पहुंची है।

फेसबुक और व्हाट्सअप के साथ भाजपा की सांठगांठ को लेकर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ द्वारा हेट स्पीच को लेकर छापे लेख के मुद्दे पर बीते 17 अगस्त को कांग्रेस ने आपको पत्र लिखा था, जिसमें फेक न्यूज और नकारात्मक खबरों के प्रचार में फेसबुक के सहायक होने की बात उठाई गई थी। साथ ही आपसे इस मामले में जांच करने तथा जिम्मेदार व्यक्ति के प्रति कार्रवाई करने की मांग की थी। इस बीच अमेरिका के ही एक अन्य मीडिया संस्थान ‘टाइम’ पत्रिका ने 27 अगस्त की तारीख में अपनी रिपोर्ट में फेसबुक और भाजपा नेताओं के बीच सांठगांठ के मामले को उजागर किया है। इसी संदर्भ में आज कांग्रेस पार्टी ने आपको दोबारा पत्र लिखा है।

कांग्रेस नेता ने पत्र में आगे लिखा कि टाइम मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट तीन प्रमुख मुद्दे को उठाया है। इसमें पहली बात, व्हाट्सअप के भारत में संचालन पर भाजपा पूरा नियंत्रण चाहती है, जिसके बदले में उसे व्हाट्सअप कंपनी को पेमेंट ऑपरेशन की मंजूरी देनी होगी। दूसरा बिन्दु, टाइम मैगजिन की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि फेसबुक कंपनी नेतृत्व के एक से अधिक व्यक्ति एक पक्ष के प्रति झुके हुए हैं और जान-बूझकर हिंसा और घृणा फैलाने वाले कंटेंट को रियायत देने में लगे हैं। वहीं तीसरा बिन्दु यह है कि भारत में 40 करोड़ लोग व्हाट्सअप से जुड़े हैं। ऐसे इतने बड़े स्तर पर अगर पक्षपात की स्थिति बनती है तो इससे देश के सामाजित सद्भाव की भावना आहत होगी।

वेणुगोपाल ने कहा कि वर्तमान में हुए नए खुलासे और इससे सामने आए नये तथ्य के बाद मुख्य विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस फेसबुक कंपनी से जानना चाहती है कि उक्त मामले की जांच करने के लिए वो क्या कदम उठा रही है। भारत में अपनी कंपनी के संचालन में जो विकृति है उसे दूर करने के लिए क्या कार्ययोजना तैयार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘कांग्रेस यह सुनिश्चित करने के लिए भारत में विधायी और न्यायिक कार्रवाइयों का भी अनुसरण करेगी कि  कोई विदेशी कंपनी निजी मुनाफे के लिए देश में सामाजिक भेदभाव का कारण न बनें।’

उल्लेखनीय है कि टाइम मैग्जीन में ‘फेसबुक के भारत की सत्ताधारी पार्टी से संबंधों की वजह से हेट स्पीच के खिलाफ कंपनी की लड़ाई मुश्किल हो रही है।’ शीर्षक से छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक हेट स्पीच से जुड़े भाजपा नेताओं के बयानों को हटाने में भेदभाव करती है। भाजपा नेताओं ने अभद्र भाषा को लेकर बने प्रोटोकॉल का कई बार उल्लंघन किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे फेसबुक के एक शीर्ष अधिकारी उस बैठक से उठकर चले गए, जिसमें एक कर्मचारी भाजपा नेता द्वारा किए पोस्ट को सामने लाया।

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