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लोहिया की मूर्ति को ढंकवाए जाने पर वयोवृद्ध समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा की तीखी प्रतिक्रिया

“डॉo राममनोहर लोहिया दलितों और पिछड़ों की सशक्त आवाज़ थे। वह राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में 42 की क्रांति के नायक थे। डॉ लोहिया ने जिनके लिए सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई लड़ी, वही लोग आज डॉ लोहिया की प्रतिमा का अनादर कर रहे है।” -राजनाथ शर्मा

लखनऊ। प्रदेश के मत्स्य मंत्री संजय निषाद को आवंटित बंगले में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉo राम मनोहर लोहिया की मूर्ति को ढकवाए जाने पर वयोवृद्ध समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने मामले सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मांग की है कि डॉo राममनोहर लोहिया की प्रतिमा के ढके आवरण से तत्काल मुक्त किया जाए और उसकी सुरक्षा की जाए।

लोहिया की मूर्ति को ढंकवाए जाने पर वयोवृद्ध समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा की तीखी प्रतिक्रिया

डॉ राममनोहर लोहिया के सहयोगी रहे राजनाथ शर्मा ने बताया जाता है कि जिस बंगले में पहले लोहिया ट्रस्ट था, वही बंगला अब कैबिनेट मंत्री संजय निषाद को आवंटित कर दिया गया है। इस बंगले डॉ राम मनोहर लोहिया की मूर्ति लगी हुई है। इस मूर्ति को प्लाईवुड से ढंकवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि डॉo राममनोहर लोहिया दलितों और पिछड़ों की सशक्त आवाज़ थे। वह राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में 42 की क्रांति के नायक थे। डॉ लोहिया ने जिनके लिए सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई लड़ी, वही लोग आज डॉ लोहिया की प्रतिमा का अनादर कर रहे है।

डॉ राममनोहर लोहिया के सहयोगी रहे वयोवृद्ध राजनाथ शर्मा

श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई भाजपा के नेता डॉ लोहिया के विचारों का बखान करते नहीं थकते। वह चाहे जनसभा हो या फिर सदन, हर जगह लोहिया की ही चर्चा करते है, लेकिन वह उनके विचारों को आत्मसात नहीं करती। यदि ऐसा करती तो आज डॉ लोहिया की प्रतिमा को प्लाईवुड से ढकवाया न गया होता।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में यह घटना तब हो रही है जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ को ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव‘ मना रहा है। ऐसे में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृतियों को सहेजने वाली भाजपा सरकार का यह कृत्य अलोकतांत्रिक और निंदनीय है। डॉo राममनोहर लोहिया देश के महापुरुष और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं बल्कि देश की धरोहर है। उनके साथ किसी भी तरह का अपमान हम लोहिया के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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