मणिपुर में दो दिन तक बवाल शांत रहने के बाद शुक्रवार को एक बार फिर से हिंसा का दौर शुरू हो गया। एक महिला समेत तीन लोगों की शुक्रवार को हुई हिंसा में मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में अब तक मरने वालों की संख्या 105 हो गई है।
यूपी के हापुड़ के चंडी मंदिर में युवक ने पढ़ी नमाज, लोगो ने किया जमकर हंगामा, पुलिस फोर्स तैनात
पूर्वोत्तर राज्य में 53 फीसदी आबादी मैतेई समुदाय के लोगों की है, जो मूल रूप से घाटी में बसे हैं। इसके अलावा 16 फीसदी कूकी समुदाय के लोग हैं, जिनकी अधिकतर आबादी पहाड़ी क्षेत्रों में ही बसी है। मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने पर विचार करने के हाई कोर्ट के सुझाव के बाद से राज्य में हिंसा शुरू हुई थी।
पीएम मोदी की डिग्री को लेकर एक बार फिर कोर्ट पहुंचे केजरीवाल, जानने के लिए पढ़े पूरी खबर
इस प्रस्ताव का कूकी समुदाय ने विरोध किया था और वे लगातार इसके लिए आंदोलन कर रहे थे। ऐसे ही एक मार्च के दौरान 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी और तब से अब तक हालात नियंत्रित नहीं हो सके हैं। अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मरे हैं तो 40 हजार को अपना घर छोड़ना पड़ा है। 300 लोग जख्मी भी हुए हैं।
मैतेई और कूकी समुदाय के बीच छिड़ा संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। मई के आखिरी सप्ताह में होम मिनिस्टर अमित शाह भी मणिपुर पहुंचे थे और कई दिनों तक डटे रहे थे। तब कुछ शांति का माहौल बना थी और बीते दो दिनों में कोई हिंसक वारदात नहीं हुई थी। लेकिन शुक्रवार को तनावपूर्ण शांति एक बार फिर से उपद्रव में तब्दील हो गई।