भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) भी अपनी जिंदगी में डिप्रेशन का सामना कर चुके हैं. साल 2014 में इंग्लैंड के खराब दौरे के दौरान कोहली अवसाद से जूझ रहे थे और लगातार असफलताओं के बाद उन्हें लग रहा था कि वह इस दुनिया में अकेले इंसान हैं. इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मार्क निकोल्स के साथ बातचीत में कोहली ने स्वीकार किया कि वह उस दौरे के दौरान अपने करियर के मुश्किल दौर से गुजरे थे. इस दौरान विराट कोहली की मदद महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने की थी.
कोहली लिटिल मास्टर के मास्टर साल 2009 से 2013 तक क्रिकेट खेल चुके हैं. कोहली ने मेंटल हेल्थ के मुद्दे पर तेंदुलकर के साथ बातचीत की थी जिसने उनकी मानसिकता बदल दी. कोहली ने कहा कि तेंदुलकर ने उन्हें नकारात्मक भावनाओं से नहीं लड़ने की सलाह दी और यह मेरे काम आई.
कोहली ने बताया, ‘मैंने उनसे मानसिक तौर पर चीजों को लेकर भी बात की. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में मिले अनुभवों को साझा किया. सचिन ने मुझसे कहा कि अगर आप हद से ज्यादा नकारात्मक एहसास से गुजर रहे हैं और अगर यह लगातार आपके अंदर बस जाता है तो इसे निकाल देना ही अच्छा है. अगर आप उस भावना से लड़ना शुरू करते हैं तो वह और मजबूत होती चली जाती है. इस सलाह को मैंने अमल में लाया और तब से अब तक मैं मानसिक तौर पर बहुत ज्यादा खुल गया हूं.’
इंग्लैंड में बुरी तरह फेल हुए थे कोहली
कोहली के लिए 2014 का इंग्लैंड दौरा निराशाजनक रहा था. उन्होंने पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में 13.50 की औसत से रन बनाये थे. उनके स्कोर 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 रन थे. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे में उन्होंने 692 रन बनाकर शानदार वापसी की थी. उन्होंने इंग्लैंड दौरे के बारे में कहा, ‘आपको पता नहीं होता है कि इससे कैसे पार पाना है. यह वह दौर था जबकि मैं चीजों को बदलने के लिये कुछ नहीं कर सकता था. मुझे ऐसा महसूस होता था कि जैसे कि मैं दुनिया में अकेला इंसान हूं.’