विटिलिगो यानी सफेद दाग स्कीन का रोग है. इसमें स्कीन के प्राकृतिक रंग की स्थान सफेद छोटे धब्बे हो जाते हैं. प्रारम्भ में हाथ, पांव, कोहनी, गर्दन, कमर,चेहरे, होंठ पर छोटे सफेद धब्बे हो जाते हैं. आपस में मिलकर ये धब्बा बड़ा बन जाता है. स्कीन का रंग बनाने वाली कोशिकाएं ‘मेलेनोसाइट्स’ जो किसी कारण से नष्ट होने लगती हैं जिससे स्कीन सफेद हो जाती है. ये ऑटोइम्यून बीमारी है जिसका समय पर उपचार महत्वपूर्ण है. जानते हें इस रोग का होम्योपैथी में कैसे उपचार संभव है.
ऐसे होता रोग का इलाज
विटिलिगो रोग का शुरुआती अवस्था में इलाज संभव है. रोगी के लक्षण, रोगी की प्रकृति तथा उसकी मानसिक अवस्था का आकलन कर दवा दी जाती है. इस रोग में कम से कम 6 माह से 1 वर्ष तक इलाज कराना महत्वपूर्ण होता है. किसी के होंठ/नाक अथवा जननांगों में सफेद दाग है तो कुछ होम्योपैथिक दवाएं हैं जिनको हफ्ते में एक बार लंबे समय तक लेने से फायदा मिलता है. इस दौरान रोगी को कुछ परहेज भी करने पड़ते हैं जिससे बीमारी में राहत मिल सकती है. दवा के साथ रोगी को अपनी दिनचर्या को भी अच्छा रखने के लिए बोला जाता है. इसके साथ रोगी की मानसिक स्थिति के लिए काउंसिलिंग भी करते हैं जिससे वह किसी अवसाद या तनाव में न जाए व बड़ी कठिनाई से बच सके.
बीमारी के लक्षण
शरीर पर छोटे-छोटे सफेद दाग/धब्बे दिखाई देते हैं. कुछ लोगों को खुजली होती है. धीरे-धीरे ये सफेद दाग आपस में मिलकर बड़ा धब्बा बना लेते हैं. कुछ रोगियों में धब्बों के बढऩे की गति धीमी होती है व कुछ में तेज होती है. इसके अलावा कोई विशेष लक्षण रोगी में नहीं दिखते.
सावधानी भी जरूरी
जीवनशैली को आरामतलब नहीं बनाकर कार्य में व्यस्त रहना चाहिए. खाने-पीने में अधिक चटपटा, खटाई कम लें. बच्चों के चेहरे पर हल्के भूरे दाग हो जाते हैं.चोट लगने, जलने अथवा शरीर पर हल्के भूरे रंग के धब्बे होने पर जल्द से जल्द उपचार कराना चाहिए.
रोग के प्रकार
फोकल विटिलिगो में छोटे-छोटे धब्बे शरीर के किसी विशेष भाग में होते हैं. म्यूकोजल विटिलिगो में सफेद दाग, होंठ, पलकों, जननांग, गुदा में होते हैं. एक्रोफेसियल विटिलिगो में दाग चेहरे, सिर व हाथ पर दिखते हैं.