वॉशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी का हिंदू धर्म को लेकर दिया गया बयान चर्चा में है। वह द डेली सिग्नल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उनसे कई सवाल पूछे गए। वहीं एक सवाल के जवाब में विवेक रामास्वामी ने कहा कि हिंदू धर्म ने ही मुझे राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया है और आज मैं इसी वजह से चुनाव में हूं। आगे उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर कहा कि इस धर्म ने मुझे नैतिक दायित्वों को समझने की स्वतंत्रता प्रदान की।
हम सभी को ईश्वर ने भेजा
रामास्वामी ने कहा कि मैं एक हिंदू हूं, मैं एक सच्चे ईश्वर में विश्वास रखता हूं। मेरा मानना है कि ईश्वर ने हम सभी को यहां पर एक खास उद्देश्य के लिए भेजा है। इसी उद्देश्य को साकार करना ही हमारा नैतिक कर्तव्य है। हम सभी एक समान हैं क्योंकि हम सभी में भगवान निवास करते हैं, यह हमारे धर्म का मूल है। मैं बहुत ही पारंपरिक तरीके के परिवार में पैदा हुआ और बड़ा हुआ हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया है कि परिवार ही हमारी नींव है। माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, शादी एक पवित्र रिश्ता है, शादी से पहले संयम रखना आवश्यक है। शादी पुरुष-महिला के बीच होती है। तलाक नहीं होता है। पुरुष और महिला ईश्वर के समक्ष शादी करते हैं। वह ईश्वर के सामने अपने परिवार की खुशहाली की शपथ लेते हैं।
ईश्वर के मूल्यों के लिए खड़ा रहूंगा
आगे विवेक रामास्वामी ने कहा कि मैं 10वीं में क्रिश्चियन स्कूल गया, जहां मैने 10 आज्ञाएं सीखीं। ईश्वर सच्चा है, ईश्वर एक है। व्यर्थ में उसका नाम ना लो। अपने माता-पिता का सम्मान करो। झूठ मत बोलो। चोरी मत करो। व्यभिचार मत करो। ये सब जब मैं सीखा उस समय मैं बहुत छोटा था। मुझे लगता है कि यह शिक्षाएं सिर्फ हिंदूओं की नहीं हैं। ना ही ईसाईयों की है बल्कि मुझे लगता है कि असल में यह ईश्वर की शिक्षा है। क्या मैं ऐसा राष्ट्रपति हो सकता हूं जो क्रिश्चियानिटी को प्रमोट करेगा। बिल्कुल भी नहीं और इसके कई कारण भी हैं। मुझे लगता है कि मेरा कर्तव्य इन मूल्यों इन सिद्धांतों के लिए खड़ा रहना है और मैं ऐसा ही करुंगा।