भूख से तड़प रहे पांच वर्ष के मासूम ने पिता से खाना मांगा तो गुस्से में पिता ने उसे दो मंजिला घर के छत से नीचे फेंक दिया। जिससे बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीण उसे निजी चिकित्सालय में इलाज के लिए ले गए तो वहां भी पहुंच गया और बेटे का इलाज खुद कराने की बात कहकर बच्चे को उठाकर ले गया। इसके बाद गांव में आकर बच्चे के साथ कूएं में कूद गया। जिससे पिता की मौत हो गई। वहीं चार घंटे की तलाश के बाद मासूम का शव नहीं मिल सका है। यह दर्दनाक घटना सकलडीहा कोतवाली के विशुरपुर गांव में सोमवार की दोपहर में हुई।
यह है पूरा मामला
सकलडीहा कोतवाली के विशुनपुर कला गांव निवासी अवकाश प्राप्त सैनिक स्व. दरोगा सिंह का बेटा आशुतोष सिंह (35) पांच बहनों का इकलौता भाई था। बहनों की शादी हो चुकी है और वे अपने ससुराल में हैं। आशुतोष की दो शादियां हो चुकी हैं। पहली शादी धीना थाना के कपसिया निवासी महिला से हुई थी। दस वर्ष पहले वे पति को छोड़ कर चली गई।
इसके बाद आशुतोष की दूसरी शादी गाजीपुर के गहमर निवासी खुश्बू से हुई। उससे पांच वर्षीय पुत्र अपरबल था। विवाद के कारण खुश्बू भी पति को छोड़ कर मायके में रहने लगी। भतीजे अपरबल की अच्छी परवरिश के लिए आशुतोष की बहन शीला उसे अपने साथ ससुराल महेषी ले गई थी। वहीं बेटे आशुतोष के मारपीट से तंग मां विमला भी बेटी के यहां ही रह रही थी।
बेटे का ख्याल खुद रखने की बात कहकर बहन के घर से लाया था युवक
चार दिन पहले आशुतोष अपनी बहन के गांव पहुंचा और बेटे अपने पास रखने की बात कहकर अपनी मां और पुत्र को गांव ले आया। आशुतोष की मां विमला देवी ने बताया कि सोमवार की दोपहर करीब एक बजे पुत्र अपरबल ने पिता से खाना मांगा जिससे वह गुस्सा हो गया और उसे दो मंजिल घर के छत पर ले जाकर नीचे फेंक दिया। इससे बच्चे को काफी चोटें आईं। आसपास के ग्रामीण बच्चे को पास के निजी चिकित्सालय में ले गए। डॉक्टर अभी इलाज कर ही रहे थे कि आशुतोष वहां पहुंच गया कहा कि मेरा बेटा है मैं ही इलाज कराऊंगा।
यह कहकर उसने बेटे को उठाया और पैदल ही इनायतपुर माइनर पकड़कर डेढ़ावल की ओर चल दिया। गांव के बाहर निकलते ही उसने नहर के किनारे स्थित कुएं में बेटे को लेकर छलांग लगा दिया। सिवान में काम कर रहे ग्रामीणों ने देख लिया और शोर मचाने लगे। मौके पर सीओ रघुराज, सकलडीहा कोतवाल राजीव सिंह टीम के साथ पहुंच गए।
गोताखोर और अग्निशमन विभाग की टीम भी पहुंच गई और तलाश शुरू की। तलाश के बाद आशुतोष का शव बरामद हो गया। बेटे अपरबल की तलाश की जा रही है। वहीं देर रात तक पुत्र का शव नहीं मिला। अंधेरे की वजह से हो रही कठिनाई से पुलिस अगले दिन तलाश की बात कहकर चली गई। वहीं आशुतोष के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मां विमला का रो-रोकर बुरा हाल है।