भोलेनाथ के भक्तों को उनके बारे में जानने के लिए बहुत दिलचस्पी रहती है। ऐसे में उनके बारे में बहुत सी बातें हैं जो सभी को जान लेनी चाहिए। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों भोलेनाथ हमेशा बाघ की खाल धारण करते हैं और इसके पीछे की क्या वजह है-
शिवपुराण की कहानी के अनुसार एक समय भगवान शिव जी ब्रह्माण्ड की सैर करने के लिए निकले। घूमते-घूमते वे एक जंगल की ओर चले गए। इस जंगल में कई सारे ऋषि मुनि अपने परिवार के साथ रहा करते थे। भगवान शिव उधर से निर्वस्त्र हो कर ही जा रहे थे, उन्हें जरा भी ध्यान नहीं था कि उनके शरीर पर कुछ भी नहीं है। तभी शिव जी को देख कर ऋषि मुनियों की पत्नियां उनकी तरफ मोहित होने लगी तथा इसके साथ ही वे मन ही मन में उनकी प्रशंसा करते थक नहीं रही थीं। जब इस बात की खबर ऋषि मुनियों को हुई कि किसी अनजान पुरुष की ओर उनकी पत्नियां आकर्षित हो रही हैं तो उन्हें काफी क्रोध आया।
लेकिन ऋषियों को ये जरा भी नहीं लगा कि जिन्हें वे एक आम इंसान समझ रहे हैं वे भगवान शिव हैं। ऋषियों ने इस अनजान व्यक्ति को सबक सिखाने के मकसद से रास्ते में एक बड़ा सा गड्ढा बना दिया ताकि जब वो व्यक्ति यहां से गुजरे तो धोखे से इस गड्ढे में गिर जाए। तभी शिव जी वहां से गुजरे और उस गड्ढे में जा गिरे। ऋषियों ने जब शिव जी को गड्ढे में गिरा हुआ देखा तो उन्हें सजा दिलाने के बारे में सोच कर उस गड्ढे में एक बाघ को भी गिरा दिया।
ताकि ये बाघ शिव जी को मार कर खा जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इसके ठीक विपरित हुआ, महादेव ने ही उस बाघ को मार कर उसका खाल पहन कर बाहर आ गए। इस घटना के बाद से ही ऋषि मुनियों को ये एहसास होने लगा कि ये कोई साधारण इंसान हो ही नहीं सकता। शिव पुराण की इस कहानी के अनुसार कहा जाता है कि तभी से शिव जी बाघ की खाल धारण किए हुए हैं।