केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख के साथ गंदन मठ का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मंगोलिया भेजे गए पवित्र कपिलवस्तु अवशेषों के साथ ही उनके साथ रखे हुए भगवान बुद्ध के मंगोलिया के पवित्र अवशेषों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
किरेन रिजिजू और मंगोलिया के राष्ट्रपति ने गंदन मठ में पवित्र कपिलवस्तु अवशेषों पर श्रद्धांजलि अर्पित की
इस अवसर पर भारत के केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख और मंगोलिया में भारत के राजदूत मोहिंदर प्रताप सिंह और खंबा नोमुन खान उपस्थित रहे।
कुशोक बकुला रिनपोछे पर डाक टिकट जारी करना भारत और मंगोलिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण: रिजिजू
कार्यक्रम के दौरान किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत ने कोविड महामारी के दौरान कई देशों की मदद की और आज मंगोलिया के लोगों को खुश देखकर उन्हें बहुत प्रसन्नता हो रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जन-जन के बीच संपर्क के साथ ही भारत और मंगोलिया के बीच आर्थिक संबंध भी एक नया आकार ले रहे हैं। उन्होंने कहा मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक भारतीय इस खूबसूरत देश की यात्रा करें और आने वाले दिनों में जन-जन के बीच जुड़ाव और बढ़े।
भारत ही पहला देश था जिसने कोविड महामारी के दौरान हमें टीका दिया जिसके कारण हजारों मंगोलियाई लोगों की जान बचाई जा सकी: उखनागिन खुरेलसुख।
मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख ने कहा कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को मंगोलिया लाए जाने का निर्णय भारत और मंगोलिया के मजबूत आध्यात्मिक संबंधों का स्पष्ट प्रमाण है। इस प्रदर्शनी को एक महान प्रतीक के रूप में आयोजित करने के लिए मंगोलिया के लोगों की तरफ से मंगोलियन राष्ट्रपति ने भारत सरकार के प्रति आभार प्रकट किया।
मंगोलिया के राष्ट्रपति ने भारत की सराहना करते हुए कहा कि भारत पहला देश था जिसने हमें वैक्सीन दी और कोविड महामारी में हमारी मदद की। जिसके कारण हजारों मंगोलियाई लोगों की जान बचाई जा सकी।
उन्होंने कहा कि मंगोलिया में भारत द्वारा बनाई जा रही तेल रिफाइनरी भारत और मंगोलिया के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक है। आज भारत मंगोलिया का सबसे विश्वसनीय साझेदार और तीसरा पड़ोसी देश है। राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष लाना द्विपक्षीय संबंधों को समृद्ध और मजबूत बनाने का एक शानदार तरीका है।
इस दौरान, मंगोलिया के विदेश मामलों के स्टेट सेक्रेटरी अंकबयार न्यामदोर्ज और मंगोलिया में भारतीय राजदूत मोहिंदर प्रताप सिंह द्वारा किरेन रिजिजू, मंगोलिया के पूर्व राष्ट्रपति एन एनखबयार और गंदन मठ के खंबा नोमुन खान की मौजूदगी में कुशोक बकुला रिनपोछे पर डाक टिकट जारी किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि कुशोक बकुला रिनपोछे के नाम पर डाक टिकट जारी करना भारत और मंगोलिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा का एक निर्णायक क्षण है, जिसका असर न केवल मंगोलिया में बल्कि भारत में भी होगा। उन्होंने कहा कि यह मंगोलिया के लिए रिनपोछे द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों को सामने लाने और भारत और मंगोलिया के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
इस अवसर पर मंगोलिया में भारतीय राजदूत मोहिंदर प्रताप सिंह ने कहा कि बकुला रिनपोछे भगवान बुद्ध की गहन शिक्षाओं को बहुत ही सरल तरीके से प्रस्तुत करते थे। उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ क्षण है, जब बुद्ध दिवस पर भारत और मंगोलिया के भगवान बुद्ध के अवशेष एक साथ प्रदर्शित किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी