जब बात आती है फलों की, तो सेब, अनार, आम व अंगूर की बात हर कोई करता है, लेकिन अमरूद जैसे गुणकारी फल का जिक्र कम ही होता है। अमरूद एक ऐसा फल है जिसके रोजाना सेवन से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कब्ज, कैंसर जैसी कई अन्य समस्याओं से दूर रहेंगे। अमरूद में प्रोटीन, विटामिन और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। इसके साथ ही अमरूद में कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है। एक अमरूद में 112 कैलोरी होती है जिसके चलते बहुत समय तक भूख नहीं लगती और धीरे-धीरे वजन भी कम होने लगता है।
अमरूद एक फायदे अनेक
पाचन शक्ति: अमरूद को काले नमक के साथ खाने से पाचन संबंधी समस्या दूर हो जाती है। पाचन क्रिया के लिए ये बेहतरीन फल है अमरूद में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिस कारण यह दस्त, अपच, गैस व पेट की अन्य परेशानियों में आराम दिलाने में मदद कर सकता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाएं: आजकल छोटी उम्र से ही बच्चों की आंखें कमजोर होने लगती हैं। ज्यादा टीवी देखना, देर तक पढ़ाई करना, कम रोशनी में पढ़ना, बढ़ती उम्र और कई बार पौष्टिक आहार की कमी, इस समस्या का कारण बन जाती है। इसके लिए अमरुद बेहद फायदेमंद होता हैं विटामिन ए आंखों को स्वस्थ रखने का काम करता है। अमरूद में पाए जाने वाले पोषक तत्व मोतियाबंद बनने की संभावना को कम करते है। इसे खाने से कमजोर आंखों की रोशनी बढऩे लगती है।
प्रतिरोधक क्षमता मजबूत: विटामिन सी शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता को मजबूत बनाता है लेकिन आप शायद यह नहीं जानते कि संतरे के मुकाबले अमरूद में चार गुणा ज्यादा विटामिन सी होता है। इससे खांसी,जुकाम जैसे छोटी-मोटी इंफैक्शन से बचाव रहता है।
दांत मजबूत: दांत और मसूढों के लिए भी अमरूद बहुत फायदेमंद हैं। मुंह के छाले को दूर करने के लिए अमरूद की पत्तियां चबाने से राहत मिलती है। अमरूद का रस घाव को जल्दी भरने का काम करता है। और अगर आपके मुंह से दुर्गंध आती है तो अमरूद की कोमल पत्तियों को चबाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
कैंसर से बचाव: अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन भरपूर मात्रा में होता है जो बॉडी में कैंसर सैल को बढऩे से रोकने का भी काम करता है।
ब्लड प्रैशर कंट्रोल: इसमें मौजूद फाइबर और पोटाशियम ब्लड में कोलेस्ट्राल कंट्रोल करने में मददगार है। अपरूद खाने से दिल की धड़कन और ब्लड प्रैशर नियमित रहता है।
डायबिटीज कंट्रोल: अमरूद में मौजूद फाइबर डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मददगार है जो बॉडी में शर्करा की मात्रा को संतुलित तरीके से अवशोषित करने का काम करता है। इससे खून में शूगर की मात्रा में जल्दी से बदलाव नहीं होता।