जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के अनपरा थर्मल पावर प्रोजेक्ट की क्षमता 2630 मेगावॉट बिजली के उत्पादन की है. सामान्य रूप से यहां 17 दिन के कोयले का स्टॉक रहता है. हरदुआगंज में 1265 मेगावॉट, ओबरा में 1094 मेगावॉट और परिछा में 1140 मेगावॉट बिजली के उत्पादन की क्षमता है.
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Thursday, April 28, 2022
उत्तर प्रदेश: गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ इसकी उपलब्धता में भारी कमी देखी जा रही है, जिसकी वजह से बिजली संकट गहराता जा रहा है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, झारखंड समेत देश के कई राज्यों में बिजली के संकट को देखते हुए कटौती शुरू हो गई है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है. सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोयले का स्टॉक भी जरूरत के अनुपात में महज 26 फीसदी ही बचा है जिससे बिजली संकट और गहराने का खतरा बढ़ गया है.
उत्तर प्रदेश की बात करें तो बिजली संकट के बीच प्रदेश के थर्मल पावर स्टेशनों के पास जरूरत के अनुपात में एक चौथाई कोयले का ही स्टॉक बचा है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो अप्रैल के पहले पखवाड़े में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ गई है. अप्रैल के महीने में बिजली की मांग 38 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. वहीं, प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाले यूपी स्टेट विद्युत उत्पादन निगम के पास मानकों के मुताबिक जितने कोयले का स्टॉक रहना चाहिए, उसका केवल 26% ही बचा है.
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के अनपरा थर्मल पावर प्रोजेक्ट की क्षमता 2630 मेगावॉट बिजली के उत्पादन की है. सामान्य रूप से यहां 17 दिन के कोयले का स्टॉक रहता है. हरदुआगंज में 1265 मेगावॉट, ओबरा में 1094 मेगावॉट और परिछा में 1140 मेगावॉट बिजली के उत्पादन की क्षमता है. मानकों के मुताबिक यहां 26 दिन के कोयले का स्टॉक रहना चाहिए था लेकिन ऐसा है नहीं. अनपरा में 5 लाख 96 हजार 700 टन कोयले का स्टॉक रहना चाहिए लेकिन यहां 3 लाख 28 हजार 100 टन कोयला ही स्टॉक में है.