देश के समग्र विकास में आधी आबादी का योगदान महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए महिलाओं का स्वालंबन व सशक्तीकरण आवश्यक है। इस कार्य में उच्च शिक्षण संस्थानों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इस संबन्ध में नायाब सुझाव दिया है। उन्हें गुजरात में सक्रिय राजनीति का व्यापक अनुभव रहा है। उन्होंने ग्रामीण जीवन को करीब से देखा समझा है।
पढ़ाई से लेकर समाज सेवा तक उन्होंने संघर्ष किया,और सम्मानजनक मुकाम हासिल किया। इस अनुभव के आधार पर ही वह महिलाओं के स्वावलंबन का सन्देश देती है। इसके लिए समाज व अनेक शैक्षणिक सामाजिक संस्थाओं को प्रेरित करती है।
ग्रमीण विकास कार्यक्रम
आनन्दी बेन पटेल ने विश्वविद्यालयों में स्थापित महिला केंद्रों के संबन्ध में सार्थक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से ग्रामीण विकास के कार्यक्रम किये जाने चाहिये। उन्होंने सुझाव दिया। महिला प्रधानों को विश्वविद्यालय में आंमत्रित कर उन्हें कुपोषण,क्षयरोग,मातृ शिशु,मृत्युदर,स्वच्छता, स्वास्थ्य स्वावलंबन राज्य तथा केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाये।
जिससे अपनी ग्राम सभा में प्रमुखता से लागू कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कर सकती हैं। महिला ग्राम प्रधान व समाज की अग्रणी महिलाओं आदि को प्रेरित कर हम ग्रामीण विकास के कार्यक्रमों को आसानी से लागू कर सकते है।
जागरूकता कार्यक्रम
इसी प्रकार बालिकाओं को भी शिक्षित व जागरूक बनाना आवश्यक है। जिससे वह आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। इतना ही नहीं यही बालिकाएं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक बनाने में योगदान कर सकती है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय दस पन्द्रह छात्राओं के समूह भी तैयार करें तथा उन्हें विभिन्न सामाजिक बुराइयों पर गांव में जागरूकता हेतु प्रेरित करें। ऐसा करने से ग्रामीण समाज,खासकर महिलाओं में जागरूकता आयेगी। यह एक दिन का काम नही है।
सार्थक परिणाम पाने के लिये इस प्रकार के कार्यों को हमें लगातार करना होगा। उन्होंने कहा कि महिला अध्ययन केन्द्र छात्राओं को अस्पताल,नारी निकेतन,वृद्धाश्रम,बाल संरक्षण गृह आदि का भी भ्रमण कराये ऐसा करने से वे समाज की वास्तविकता से भली भांति परिचित होगीं। आने वाले समय में ये अनुभव उनके लिये उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण हेतु हमे अपने छात्र छात्राओं की टीम भी बनानी चाहिये। कुलाधिपति ने बैठक में विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न कोर्ट केस, निर्माण कार्यों,कोविड टीकाकरण, नयी शिक्षा नीति, उपाधि वितरण तथा शैक्षिक सत्र पर विस्तृत चर्चा की।
पारदर्शी व्यवस्था
आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर की समीक्षा बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर भर्ती हेतु यथाशीघ्र विज्ञापन जारी किये जायें तथा उसकी सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अंकित की जाये।
नियुक्ति में पूर्ण पारदर्शिता एवं शुचिता बनाये रखने के लिये भर्ती विज्ञापन तथा वेबसाइट पर भर्ती नियमों का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिये। लेखा आपत्तियों पर चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि महालेखाकार द्वारा जो पन्द्रह आपत्तियां की गयी है उनको समयबद्धता के साथ आख्या नियमानुसार प्रेषित कर दें। वित्तीय कार्यों में प्रत्येक दशा में वित्तीय नियमों का पालन होना चाहिये साथ ही वित्तीय अभिलेखों का रख-रखाव,डबल एंट्री सिस्टम पर करे तथा नियमानुसार कैश बुक और बैलेन्स सीट तैयार की जानी चाहिये। जो कार्य टेण्डर या जैम के माध्यम से होना है उनको भी नियमानुसार कराया जाये।