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महिलाओं को अपनी हिस्सेदारी लेनी होगी- हिना भट्ट

जबलपुर। जलम महोत्सव के नौवें संस्करण के चौथे दिन की शुरुआत पर्यटन, कला और सिनेमा में महिलाएं, उनकी भागीदारी और योगदान की संगोष्ठी परिचर्चा से हुई। परिचर्चा आरंभ करते हुए डॉ भारती ने महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया और अपनी इस बात पर पूरा जोर दिया कि महिलाओं कि स्थिति हर ओर से बेहतर तो हुई है किंतु उसकी गति कमोवेश बहुत धीमी है, वह चाहे जिस क्षेत्र में भी देखी जाए। उसके उपरांत पुणे से आयी हिना भट्ट ने स्वयं को सामने रख कर अपने स्पष्ट विचार रखे।

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महिलाओं को अपनी हिस्सेदारी लेनी होगी- हिना भट्ट

उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों को व्यक्तिगत उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाओ को आगे बढ़कर हिस्सेदारी लेनी होगी लेकिन किसी का सहारा लेकर नही बल्कि अपनी योग्यता के आधार पर। ज्ञात हो कि हिना भट्ट एक संभ्रांत परिवार की वह महिला हैं जिन्होने आईएमए से शिक्षा ली है और आज युवा प्रतिभावान कलाकारों व कला को विकसित करने हेतु विशेष योगदान दे रहीं है।

कथाकार गीता ने महिलाओं कि सामाजिक स्थिति पर चर्चा की वहीं युवा प्रशांति तिवारी ने फिल्मों के बहाने युवाओं में जोश व उत्साह भरा। सुरेश तोमर ने कई आंकड़ो को तथ्य परक बताकर महिलाओ के प्रति संवेदनशील रहने कि बात कही।
कविता पाठ, सम्मान समारोह और अंतर्राष्ट्रीय श्याम ब्रास बैंड की प्रस्तुति के साथ हुआ।

महिलाओं को अपनी हिस्सेदारी लेनी होगी- हिना भट्ट

मिडिया प्रभारी भुपेंद्र अस्थाना ने बताया कि जलम महोत्सव के चौथे दिन सर्वप्रथम एक संगोष्ठी के साथ शुरू किया गया। विषय “पर्यटन,कला और सिनेमा में महिलाएं” पर चर्चा करने के लिए अतिथि वक्ता के रूप में जबलपुर से डॉ भारती,पुणे महाराष्ट्र से हिना भट्ट, नई दिल्ली से गीता श्री, भोपाल से सुरेश तोमर, जबलपुर से ही प्रशांति तिवारी उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने उक्त विषय पर अपने अपने विचार और आंकड़े रखते हुए अपनी बात कही।

इसी कड़ी में कविता पाठ का भी कार्यक्रम हुआ। जिसमे प्रतिभाग करने वाले कवि नई दिल्ली से विनोद भारद्वाज, कोलकाता से यतीश कुमार, जबलपुर से बाबुषा कोहली,आजमगढ़ से रूपम मिश्रा, दिल्ली से अणुशक्ति सिंह, अनुपम सिंह और जबलपुर से आकांक्षा सिंह रहे। इसी दौरान एक लघुफिल्म जोया (5 मिनट) का भी प्रदर्शन किया गया।

महिलाओं को अपनी हिस्सेदारी लेनी होगी- हिना भट्ट

श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए इंदौर से कुनाल शर्मा को हरिभटनागर इत्यादि युवा कला छात्र सम्मान एवं बालम्मा इत्यादि युवा कला छात्र सम्मान हैदराबाद के डिण्डी प्रवीण को दिया गया। अंत में अंतर्राष्ट्रीय श्याम ब्रास बैंड की प्रस्तुति से जलम महोत्सव के नौवें संस्करण का सफ़लता पूर्वक समापन हुआ। इस चार दिवसीय कला,साहित्य और संगीत समागम में आए सभी कलाकारों, छात्रों, अतिथियों का विनय व सुप्रिया अंबर ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया और फिर एक नए उत्साह, ऊर्जा के साथ मिलने की बात कही।

पत्थरों पर कलाकारों ने उकेरी आकृतियां- जलम महोत्सव में राष्ट्रिय मूर्तिकला शिविर में पांच युवा मूर्तिकारों ने भाग लिया यह शिविर 24 से 29 दिसंबर तक अयोजित किया गया। इस शिविर में प्रतिभाग किए कलाकारों में डॉ छगेन्द्र उसेंडी (खैरागढ़), दिनु घाटा (गोंदिया), योगेश के प्रजापति(मथुरा), ज्योति शर्मा (आगरा), सुषमा सरोज (जबलपुर) रहे। इन सभी कलाकारों ने अपने विचारों को पत्थर पर तराश कर एक सुंदर आकार दिया।

महिलाओं को अपनी हिस्सेदारी लेनी होगी- हिना भट्ट

एo रामचंद्रन का पोर्ट्रेट बना जलम का प्रतीक चिन्ह- ज्ञातव्य हो कि जलम महोत्सव में सभी अतिथियों, प्रतिभाग किए कलाकारों, लेखकों, कवियों आदि को जो प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए वह सभी प्रतीक चिन्ह युवा मूर्तिकार योगेश कुमार ने बड़े ही मेहनत और इस महोत्सव के रहे केंद्र एo रामचंद्रन के पोर्ट्रेट को बड़े ही गहराई से समझते हुए बनाया था। सभी ने इस प्रतीक चिन्ह की प्रशंसा की। योगेश ने लखनऊ उत्तर प्रदेश के कला एवं शिल्प महाविद्यालय ललित कला संकाय, लखनऊ विश्वविद्यालय से मूर्तिकला में शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में स्वतंत्र मूर्तिकार के रूप में काम कर रहे हैं।

देश के 22 समकालीन राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी भी लगाई गई- इत्यादि आर्ट फाउंडेशन के कलाकार समूह द्वारा जलम का नौवां संस्करण दुनियां के महान भारतीय चित्रकार, मध्यप्रदेश कालिदास सम्मान और पद्मभूषण अलंकृत ऐo रामचंद्रन को समर्पित रहा और समस्त कार्यक्रम उनपर केंद्रित किया गया। जलम सभी कलाओं, साहित्य, संगीत, सिनेमा, नाटक, कला प्रदर्शनी, कला शिविर, आर्ट वर्कशॉप, कला संगोष्ठियों को समाहित करते हुए हर आयुवर्ग के दर्शकों को लाभान्वित किया।

महिलाओं को अपनी हिस्सेदारी लेनी होगी- हिना भट्ट

यह देश में पहला ऐसा अवसर था जब ऐ रामचंद्रन जी के चित्रों मूर्तिशिल्प एवं फोटोग्राफ्स की प्रदर्शनी भी अवलोकनार्थ जलम में प्रदर्शित की गई थी। इसी कड़ी में देश के 22 समकालीन चित्रकारों के चित्रों की एक सामूहिक प्रदर्शनी भी लगाई गई। दर्शकों ने इस प्रदर्शनी को देखकर चित्रकारों के कल्पनाओं उनके विचारों को समझने का भरपूर प्रयास किया साथ ही सराहा भी। जलम को सफल बनाने के लिए जबलपुर प्रशासन के साथ ही भोपाल से रविन्द्रनाथ टैगोर विश्विद्यालय, महिला बाल विकास विभाग मध्यप्रदेश के साथ ही कला को संरक्षण देने के लिए अनेक सहयोगियों ने आगे बढ़ कर आये।

जलम सृजन कार्यशाला में बने अद्भुत कृतियां- विभिन्न कला महाविद्यालयों काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस, जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली, शासकीय ललित कला महाविद्यालय इंदौर,धार, विश्व भारती शांतिनिकेतन, इंद्राकला संगीत विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ से आए कला के 50 छात्रों ने शांतिनिकेतन से आए कार्यशाला के मेंटर कुमार जसाकिया के मार्गदर्शन में छात्रों ने अद्भुत कलाकृतियों की रचना की। जहां कुछ छात्रों ने मिट्टी में म्यूरल, मूर्तियां बनाई वहीं कुछ छात्रों ने कैनवस पर पेंटिंग्स रच कर महोत्सव में आए सभी कला दर्शकों के मन मोह लिए और दर्शकों ने भूरी भूरी प्रसंशा करते हुए नही थके।

Women have to take their share - Hina Bhatt

संदीप किंडो के द्वारा एo रामचंद्रन के पोर्ट्रेट चारकोल माध्यम में बनाकर प्रसिद्ध चित्रकार चंद्रन को श्रद्धांजलि अर्पित की। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के मूल निवासी संदीप किंडो खैरागढ़ विश्वविद्यालय के चित्रकला विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। इन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के दृश्यकला संकाय से 2012 में पेंटिंग विधा में उत्तीर्ण हुए।

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