लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के फैकेल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के तत्वावधान में वृहद स्तर पर 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित किया गया है।
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आज योग फैकल्टी के सेमिनार हॉल में प्राणायाम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता कृष्ण कुमार शुक्ल ने योग एवं प्राणायामो की उत्पत्ति, दर्शन, प्रकार एवम प्राणायाम के प्रविधियों को विस्तार से बताया।
श्री शुक्ल ने कहा कि अनुलोमविलोम मन में निश्चलता लाता है एवं शांति प्रदान करता है। साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है । यह जीवन शक्ति बढ़ाता है एवं तनाव तथा चिंता के स्तर को कम करता है। शीतली प्राणायाम का अभ्यास रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष लाभप्रद है।
यह भूख और प्यास को भी कम करता है तथा यह अपच से मुक्ति व पित्त से उत्पन्न विकारों को दूर करने में सहायक है । यह त्वचा तथा नेत्र रोगों के लिए भी लाभदायक है। भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास तनाव से मुक्त करता है और चिंता, क्रोध तथा अति सक्रियता को घटाता है । इसका प्रभाव तंत्रिका तंत्र तथा मस्तिष्क के लिए लाभकारी होता है । यह एकाग्रता एवं ध्यान के लिए उपयोगी प्राणायाम है।
प्राणायाम के नियमित अभ्यास जीवन को गति एवं स्वास्थ्य प्रदान करता है। फैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ अमरजीत यादव ने कहा कि 9वें योग दिवस के आयोजन के क्रम में कई प्रकार की संगोष्ठी एवं कार्यशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है। ये कार्यशालाएं विद्यार्थियों एवं जन सामान्य के लिए उपयोगी हैं। डीन प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर, डॉ उमेश शुक्ला, डॉ सुधीर मिश्रा, डॉ सत्येंद्र मिश्रा तथा डॉ रामनरेश उपस्थित थे। सेमिनार के दौरान भारी संख्या में छात्र, अध्यापक तथा योग साधक मौजूद थे।