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योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन : प्रो मंजुला उपाध्याय

लखनऊ। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष मे नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम हर घर आंगन योग के आधार पर महाविद्यालय की 19 उत्तर प्रदेश गर्ल्स बटालियन एनसीसी विंग तथा दर्शन शास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आज महाविद्यालय प्रांगण में योगाभ्यास का आयोजन किया गया।

योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन : प्रो मंजुला उपाध्याय

जिसकी अध्यक्षता प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय ने की तथा संयोजन व संचालन एनसीसी अधिकारी एवं विभागाध्यक्ष मेजर (डॉ.) मनमीत कौर सोढी ने किया। उन्होंने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा जारी योग क्रम के अनुसार ही ग्रीवा, स्कन्ध चालन क्रियाओं से लेकर बैठ कर, खड़े होकर, पेट के बल लेटकर, पीठ के बल लेटकर करने वाले भुजंगासन, मकरासन, भद्रासन, वक्रासन, त्रिकोण आसन, ताड़ासन, वृक्षासन, पवनमुक्तासन, भ्रामरी, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, ध्यान आदि का योगाभ्यास करवाया।

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योग दर्शन की प्रासंगिकता पर चर्चा करते हुए कहा कि योग केवल आसन और प्राणायाम तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह अष्टांग मार्ग की साधना है। यौगिक क्रियाएं हमें विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाती हैं तथा सहज, सरल और तनाव मुक्त जीवन की राह दिखाती हैं। इसी कारण से वैश्विक पटल पर योग की स्वीकार्यता बढ़ी है।

योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन : प्रो मंजुला उपाध्याय

यदि हमारा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है तो उससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है, प्राकृतिक दिनचर्या अपनाकर हम अपना सुरक्षा कवच विकसित कर सकते हैं। यदि हमें अपना स्वास्थ्य उत्तम रखना है तो संतुलित आहार लेना चाहिए। योगाभ्यास के दौरान रखने वाली सावधानियों पर चर्चा की।

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प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। योग हमें सिखाता है कि कैसे संतुलित जीवन जिया जा सकता है यह स्वस्थ शरीर संतुलित मन श्रेष्ठ विचारों का उपाय है और हमें हमारी आत्मा से जोड़ता है। नेहा कुमारी, अंशी, ललिता यादव आदि छात्राओं ने योग एवं स्वास्थ्य विषय पर अपने विचार प्रकट किए।

योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन : प्रो मंजुला उपाध्याय

योगाभ्यास में डॉ सीमा सरकार, डॉ अंजुला कुमारी, कैडेट वसुंधरा, सगलगुण, तनु सारस्वत, अंजली राय, सुप्रिया गोपाल, रिशिता सिंह, वर्षा यादव, खुशी कन्नौजिया, रोशनी सिंह थापा, ज्योति उपाध्याय, हरशीन,स्वाति, कीर्ति, तनुजा समेत बड़ी संख्या में एनसीसी कैडेट्स एवं छात्राओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम का आरंभ संगच्छध्वं संवदध्वं, इस संकल्प के साथ हुआ तथा समापन सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामय:, इस प्रार्थना के साथ हुआ। कार्यक्रम में 2016 बैच की पूर्व एनसीसी कैडेट्स स्नेहा, ज्योति तिवारी, एकता, शैख शहवार, एकता भारती भी सम्मिलित हुई।

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