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निरोगी जीवन के लिए योग जरूरी

योग में मानव कल्याण का विचार समाहित है। यह दुनिया के लिए भारत की अमूल्य विरासत है। यही कारण है कि सभी देशों में योग प्रचलित हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से भी चेतना व जागरूकता का प्रसार हुआ है। लखनऊ विश्वविद्यालय में शताब्दी समारोह के प्रत्येक दिन शुरुआत योग से की जा रही है।

चतुर्थ योग शिविर का आयोजन राजकीय आयुर्वेदिक, महाविद्यालय एवं चिकित्सालय,आयुर्वेद फ़ैकल्टी में आयोजित किया गया। जिसका उद्घाटन प्रो.पी.एस. सक्सेना प्राचार्य एवं डीन,आयुर्वेद फ़ैकल्टी द्वारा किया गया। योग शिविर में उन्होंने कहा कि योग आज की आवश्यकता बन गया है। भविष्य में जीवन की निरंतरता के लिए योग आवश्यक होगा। विश्व पटल पर स्वास्थ्य की समस्यओं को निराकरण करने में योग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

योग शिक्षक डॉ अमरजीत ने बताया कि मनुष्य ने विकास की उच्चतम शिखर को स्पर्श कर लिए है, वही दूसरी ओर जीवन जीने की कला का ज्ञान न होने से मानव हतास एवं निराश भी है। पहले की अपेक्षा वर्तमान में मानसिक रोगों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है। जिसमे कुंठा,निराशा,क्रोध, याददाश्त कमजोर, अनिद्रा,तनाव आदि की समस्या बढ़ रही है। इनका प्रतिकूल प्रभाव व्यक्त के स्वभाव एवं जीवन शैली पर पड़ता है।

मानसिक बीमारियों से बचाव के लिए आज के योग शिविर में योगिक शुक्ष्म व्ययामो के साथ साथ कपोल शक्ति विकासक क्रिया,नेत्र विकासक क्रिया, जानुशिरासन, पवनमुक्तासन, नटराजन,भद्रासन, सूर्य नमस्कार कराया गया। प्राणायामों में नाड़ी शोधन,भ्रामरी,उद्गीत, का अभ्यास कराया गया, योग निद्रा एवं ध्यान सत्र के बाद शिविर का समापन हुआ। इस अवसर पर आयुर्वेदिक कॉलेज के शिक्षक, चिकित्सक,कर्मचारी स्थानिय लोग एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं सहभागी हुए।

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

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