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गायों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, हर जिले में बनेंगे हेल्प डेस्क

दया शंकर चौधरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हर जिले में गायों की सुरक्षा के लिए हेल्प डेस्क बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रदेश की राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर दिए हैं। अपने निर्देश में योगी सरकार ने गौशालाओं को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। साथ ही, मास्क और थर्मल स्क्रीनिंग को भी अनिवार्य किया गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में गायों के संरक्षण के लिए हेल्प डेस्क गठित करने के काम में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री जन संपर्क प्रकोष्ठ द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक सीएम योगी ने इसके अलावा सभी गौशालाओं को गायों तथा अन्य जानवरों के लिए ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर जैसे चिकित्सा उपकरणों से लैस करने के भी आदेश दिए हैं।

आपको बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण मौजूदा सूरतेहाल के मद्देनजर गायों के संरक्षण के लिए राज्य के सभी जिलों में कुल 700 हेल्प डेस्क बनाई जा रही हैं। इसके अलावा 51 ऑक्सीमीटर तथा 341 थर्मल स्कैनर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार, उत्तर प्रदेश में करीब 5268 गौशाला हैं, जिसमें करीब 5,73,417 जानवर हैं।

इसमें से 4,64,311 गायों को 4,529 अस्थाई गौशालाओं में रखा गया है। इसमें से, 40,640 गायों को 161 कान्हा गौशाला और 10,827 गायों को 407 कांजी हाउस में रखा गया है। उल्लेखनीय है कि आवारा पशुओं की देखभाल करने के लिए यूपी सरकार ने लोगों को 900 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान किया है। अब तक 44,651 लाभार्थियों को कुल 85,869 गाय उपलब्ध कराई गई हैं।

कोरोना संक्रमण के चलते लाकडाउन से बेजुबान भी परेशान

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए प्रदेशव्यापी लॉकडाउन जितना इंसानों को परेशान कर रहा है, उतना ही बेजुबान जानवरों को भी। बेजुबान जानवरों को घर के बाहर, होटल या दुकानों के बाहर कुछ खाने को मिल जाया करता था जिससे वे अपनी भूख मिटाते थे। लेकिन इस बंदी ने उनके निवाले पर संकट खड़ा कर दिया है। सड़कों -गलियों में घूमने वाले आवारा जानवर भूख-प्यास से परेशान हैं।

इससे उनके व्यवहार पर भी असर पड़ रहा है। भूख से परेशान आवारा जानवर खूंखार हो रहे हैं। उनकी ऐसी स्थिति पर पशु कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है। जानवरों से प्यार करने वाली पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी लॉकडाउन के दौरान आवारा जानवरों के खाने पीने की व्यवस्था करने की अपील की है।

पशु डाक्टरों का कहना है कि आवारा पशओं के व्यवहार में बदलाव का कारण उनकी भूख पूरी न होना है। लोगों में इस बात का भय है कि पालतू जानवरों के संपर्क में आने से उन्हें कोरोना हो सकता है। लखनऊ से पशु कार्यकर्ताओं ने इस पर चिंता जताई है। उन्होंनें अपील की है कि लॉकडाउन में आवारा जानवरों का पेट भरने के लिए लोग बड़े स्तर पर काम करें। उन्होंने कहा है कि बंदी के कारण आवारा जानवर दाने-दाने को मोहताज हैं। जबकि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं, जितनी कि अन्य चीजें।

ऐसे समय में जब आवारा जानवरों को खाना नहीं मिल रहा है, तो उनके लिए भी कुछ इंतजाम होना चाहिए। बचे हुए खाने को कूढ़े में फेंकने की जगह अगर उसे सड़क किनारे रख दिया जाए, तो इससे वहां घूमने वाले बेजुबान जानवरों को खाना मिलने में मदद हो सकती है। हम सभी का दायित्व होना चाहिए कि लॉकडाउन में कोई भी भूखा न रहे। उनके खान पान के साथ ही सेहत पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर कोई आवारा जानवर बीमार है, तो जानवरों पर काम करने वाली स्थानीय संस्था को इसकी जानकारी देकर हम बेजुबानों की छोटी सी मदद कर सकते हैं।

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