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योगी का रेवेन्यू सरप्लस यूपी

उत्तर प्रदेश में पहले मात्र सरकारें बदलती थीं. शासन का अंदाज यथावत रहता था। योगी आदित्यनाथ ने पहली बार सरकार के साथ व्यवस्था में बदलाव किया। उन्होंने ईमानदारी इच्छाशक्ति और पारदर्शिता पर आधारित सुशासन की स्थापना की। यही कारण है कि आज यूपी रेवेन्यू सरप्लस राज्य है। निवेशकों के लिए सर्वाधिक आकर्षक राज्य है। एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित राज्य बन गया है।

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विगत दो वर्षों में भारत अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला में गोल्ड अवॉर्ड प्राप्त करने वाला राज्य है। बीमारू राज्य की छवि से उभरने वाला राज्य है। यह नये भारत के नया उत्तर प्रदेश है। योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला में उत्तर प्रदेश पवेलियन का उद्घाटन किया। इसमें उत्तर प्रदेश के उद्योगीक अर्थिक विकास का उल्लेख हुआ। योगी सरकार ने विगत साढ़े छह वर्षों में उत्तर प्रदेश को विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाया है।

भारत अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेला के उत्तर प्रदेश पवेलियन में ओडीओपी तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए हो रहे कार्यों को शोकेस करने का एक प्रयास हुआ है। इसमें ‘नये भारत के नये उत्तर प्रदेश’ की गाथा को प्रस्तुत किया गया है। नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी,यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी, यूपीसीडा तथा यूपीडा द्वारा प्रदेश की प्रगति के लिए किए गए कार्यों को ट्रेड फेयर में प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास हुआ है।

योगी का रेवेन्यू सरप्लस यूपी

ओडीओपी योजना ने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए अधिक से अधिक रोजगार सृजन किया है। कोरोना महामारी के बावजूद प्रदेश ने अपने एक्सपोर्ट को तीन गुना करने में सफलता प्राप्त की है। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एमएसएमई आधार वाला राज्य बना है। एमएसएमई क्षेत्र ने प्रदेश में औद्योगीकरण का एक नया माहौल दिया है। कोरोना कालखण्ड में चालीस लाख प्रवासी कामगार व श्रमिक उत्तर प्रदेश वापस आए थे। इन सभी श्रमिकों के लिए एमएसएमई इकाइयों ने रोजगार उपलब्ध कराया। करीब दो माह पूर्व ग्रेटर नोएडा में यूपी इण्टरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन किया गया था।

इसमें सत्तर हजार से अधिक बायर्स आए थे तथा कुल फुटफॉल चार लाख से अधिक था। इसी वर्ष लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन में प्रदेश को अड़तीस लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों से एक करोड़ दस नौजवानों के लिए नौकरी और रोजगार की नयी सम्भावनाएं विकसित हुई हैं। उत्तर प्रदेश ने सुरक्षा निवेश तथा स्प्रिचुअल टूरिज्म के कार्यों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया है।

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इस कारण विगत छह वर्षों में प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या तीन करोड़ प्रतिवर्ष से बढ़कर बत्तीस करोड़ प्रतिवर्ष हुई है। पिछली सरकारें भी औद्योगिक नीति तैयार करती थीं, लेकिन जमीन पर उसका कोई सकारात्मक असर दिखाई नहीं दिया। क्योंकि उसके अनुरूप व्यवस्था या सुविधाएं उपलब्ध कराने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था। जबकि योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले इन कमजोरियों पर ध्यान दिया। इनको दूर करने के बाद उन्होने औद्योगिक नीति लागू की। उसमें निवेशकों के लिए अपेक्षित सुविधाओं का इंतजाम किया गया।

नीदरलैंड ने लखनऊ में अपना उप दूतावास खोला है। देश में यह उनका पहला उप दूतावास है। नीदरलैंड उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए सहमत हुआ है। बिल गेट्स की संस्था प्रदेश में अनेक समस्याओं के समाधान में योगदान करेगी। जाहिर है कि योगी के कदमों से प्रदेश में निवेश का माहौल बन रहा है। इसका कारण है कि उन्होने केवल प्रचार के लिए औद्योगिक नीति नहीं बनाई, बल्कि बाधक तत्वों को पहले दूर किया।

इसमें सबसे प्रमुख भ्रष्टाचार की संभावना के मार्गों को बंद करना था। शुरुआत यहीं से होती है। लेकिन पहले उद्योग की मंजूरी लेने में ही दम निकल जाती थीं। कई विंडो से फाइल गुजरती थी। प्रत्येक विंडो पर बाधाओं का अंबार रहता था। फाइल कैसे आगे बढ़ती थी, यह बताने की जरूरत नहीं है।
सरकार ने उत्तर प्रदेश के निर्यात को भी दुगना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मामले में भी देश का यह सबसे बड़ा प्रदेश बहुत पीछे रह गया। प्रत्येक जिले को एक-एक उत्पाद आवंटित किया जा रहा है।

इन उत्पादों से उनकी पहचान जुड़ेगी। पहले ऐसा ही था। लेकिन धीरे धीरे यह पहचान समाप्त होती चली गई। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार भी बहुत कम हो गया। योगी इसे पुनः मजबूत बनाना चाहते है। इसको कौशल विकास से जोड़ा जाएगा। निर्यातकों को सभी संभव सुविधाएं दी जाएंगी। हाईवे पर विभिन्न उत्पादों के औद्योगिक सेक्टर विकसित किये जायेंगे। वस्तुतः हाईवे पर ऐसी योजना बहुत पहले बनाई जानी चाहिए थी। इससे इन मार्गों पर सुविधाओं का विकास होगा।

औद्योगिक सेक्टर की स्थापना होने से आयात निर्यात को भी प्रोत्साहन मिलेगा।योगी आदित्यनाथ प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में गए । यहां भी उन्होने उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए कारपोरेट जगत के लोगों से बात की। इनमें उन देशों के लोग भी शामिल थे, जिन्होने योगी सरकार की औद्योगिक नीति को बहुत व्यावहारिक और बेहतर बताया था।

इसके अलावा योगी से अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा विदेशी राजदूत मिल चुके हैं। इनके देशों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने की योजना बनाई है। औद्योगिक विकास के साथ के साथ शहर और ग्रामीण इलाकों की मूलभूत समस्याओं के समाधान के विषय को भी जोड़ा गया है। पूर्वांचल चालीस वर्षो से जापानी इंसेफलाइटिस से जूझ रहा है। योगी आदित्यनाथ ने बिलगेट्स और उनकी टीम से इस संबन्ध में भी चर्चा की।

वह इसमें सहयोग देंगे। शुद्ध पेयजल और मेडिकल सुविधाओं, अनुसन्धान आदि में बिलगेट्स की संस्था सहयोग देगी। योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक विकास को व्यापक स्वरूप दिया है। पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने की शुरुआत वह पहले ही कर चुके हैं। यह स्पष्ट दिखने लगा है कि उत्तर प्रदेश अगले कुछ वर्षों में विश्व पर्यटन के नक्शे पर बेहतर जगह बनाएगा। अब तक ताजमहल को लेकर हम खुश थे। अब इसमें अनेक केंद्र जुड़ेंगे। यह कहा जा सकता है कि इस बार उत्तर प्रदेश में केवल सरकार ही नही बदली है, व्यवस्था में भी बदलाव किया जा रहा है।

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