लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैफई को विकास की सौगात दी। इसके साथ ही कानून व्यवस्था पर अपनी और पिछली सरकारों के अन्तर को भी रेखांकित किया। पिछली सरकारों के दौर में चंद अतिविशिष्ट इलाके हुआ करते थे। बिजली की चौबीस घण्टे अपूर्ति उनकी विशिष्टता को उजागर करती थी। वहीँ विकास दिखाई देता था। लेकिन कानून व्यवस्था पर भी सवाल रहते थे।
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योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के फौरन बाद यह व्यवस्था बदल दी। इलाकों की वीआईपी कल्चर समाप्त कर दिया। पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था निर्धारित की गई। विकास की मुख्य धारा में सभी जनपदों की हिस्सेदारी तय हुई।
इसके अनुरूप ही योगी आदित्यनाथ ने सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय में नवनिर्मित पांच सौ शैय्या सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का लोकार्पण और नवनियुक्त कार्मिकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इसके साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों के द्वारा पास करवाई गई करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस मौके पर उनके साथ उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी उपस्थित थे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘ये मेरा है, ये तेरा है…’ यह सभ्य समाज को कलंकित करता है। पहले लोग इटावा और सैफई के नाम से डरते थे। पहले की सरकार ने नारियल फोड़ करके शुरू तो कर दिया था, लेकिन पैसा नहीं दिया था। पिछली सरकार नारियल फोड़कर शुभारंभ तो कर देते थी, लेकिन बजट नहीं देती थी। मेडिकल कॉलेज को टोकन मनी के नाम पर एक लाख रुपये दिए जाते थे।
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अब इटावा और सैफई के नाम से डर नहीं लगता। 1996 का जिक्र करते हुए कहा कि वह जयपुर से आगरा रात में पहुंचे थे। वहां से कानपुर जाने के लिए पुलिसवालों ने मना कर दिया कि रात में न जाएं इटावा पड़ेगा। इस तरह योगी ने पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था और बिना भेदभाव के विकास का संदेश दिया।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री