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घरों में कैद होने की वजह से हो सकते हैं इस बीमारी के शिकार, इन तरीको से बचाएं अपने आपको…

कोरोना वायरस की वजह से पुर देश में लॉकडाउन जारी हैं। कोविड 19 वायरस के कारण लोगों में डर और भय है। घर में बच्चे से लेकर बूढ़े और जवान तक सभी इस बीमारी के नाम से ही चिंतित हैं। कई लोगों पर डिप्रेशन हावी होने लगा है।

यह एक गंभीर समस्या है, जिससे बचना जरूरी है। दरअसल, कोरोना संकट की वजह से लोग अकेलापन के साथ आर्थिक समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। उनके मन में अपने व्यवसाय और रोजगार को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं पैदा हो रही हैं।

वे सोचते हैं कि पता नहीं संकट का यह दौर कब तक चलेगा और उनका आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगता है। कुछ खास तरीके अपना कर डिप्रेशन की समस्या से बचाव संभव है। जानें इनके बारे में।

इंटरनेट: इंटरनेट को ज्ञान के खजाने की तरह इस्तेमाल करें। बच्चे की रूचि के अनुसार उसके विषय के प्रिय पात्रों के विषय में नई-नई जानकारी मिलकर खोजें। फिर बाद में एक क्विज आयोजित कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा अंक पाने के लिए प्रेरित करें। जीतने पर उन्हें उनके मन मुताबिक पारितोषिक दें।

सेल्फ कॉन्फिडेंस बनाए रखें: किसी भी हाल में सेल्फ कॉन्फिडेंस को कमजोर नहीं पड़ने दें। बॉडी को साफ रखने के साथ-साथ दिमाग को भी साफ रखें। दिमाग में किसी भी तरह का गलत ख्याल नहीं आने दें। हमेशा यह सोचें कि यह संकट सिर्फ आप पर नहीं आया है। पूरी दुनिया के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। देर-सबेर इसका कोई न कोई हल निकलेगा ही। इसलिए कोरोना को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करें। सुरक्षा के उपाय बेशक अपनाएं, लेकिन इसे लेकर किसी तरह के खौफ में रहने की जरूरत नहीं है। कोरोना से भी बड़ी महामारियों का लोगों ने सामना किया है। हौसला और हिम्मत बनाए रखें।

पसंद के काम करें: लॉकडाउन में घर में रहने के दौरान आपको जो काम पसंद हो, वह करें। किताबें पढ़ना पसंद हो तो किताबें पढ़ें, म्यूजिक सुनना पसंद हो तो म्यूजिक सुनें। टीवी पर प्रोग्राम देखें। मनपसंद फिल्में देखें। इससे समय बढ़िया कटेगा और बेकार की चिंता से बच सकेंगे।

पूरी नींद लें: रोज कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें। आजकल काफी लोग जरूरत से कम नींद ले पाते हैं। इसकी वजह है स्मार्टफोन पर उनका व्यस्त रहना। वे देर रात तक सोशल साइटों पर एक्टिव रहते हैं। इससे समय से सो नहीं पाते। लोग अब देर से सोने और जल्दी जागने लगे हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर इसका असर बहुत खराब पड़ता है। इस आदत को जितनी जल्दी छोड़ सकें, उतना ही अच्छा होगा।

लोगों से बातचीत करते रहें: जब आप खाली हों तो घर के लोगों से बातचीत करें। इससे आपके बीच बॉन्डिंग अच्छी होगी। जब आप बच्चों और परिवार के दूसरे लोगों से बातें करेंगे, तो उन्हें भी बेहतर महसूस होगा। अगर आपको कोई परेशानी हो रही है हो तो घर के लोगों से उसके बारे में बता सकते हैं। वे हमेशा आपके लिए बेहतर सोचेंगे।

पौष्टिक भोजन करें: प्रतिदिन नाश्ते में कुछ बदलाव करने की कोशिश करें। इससे पौष्टिक खाने के प्रति उनका रुझान बना रहेगा। अगर आप समय पर ठीक से नहीं खाते-पीते हैं तो इससे भी डिप्रेशन की समस्या बढ़ती है। इसलिए समय से नाश्ता करें। फिर टाइम पर लंच और डिनर करें। खाने में दाल, हरी सब्जियां, सलाद और दूध-दही जरूर लें। फल और जूस का भी सेवन करें। चाय-कॉफी का कम इस्तेमाल करें।

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