पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग की अध्यक्षता वाली इस समिति का गठन सरकार ने वित्तीय क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की संभावनाओं पर विचार करने के लिए किया था। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 के भाषण में ऐसी समिति बनाने की घोषणा की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज और रिजर्व बैंक भारत के संदर्भ में वर्चुअल बैंकिंग सिस्टम और वर्चुअल बैंकों को अनुमति देने के नफा-नुकसान पर विचार कर सकता है।
इसके तहत भविष्य के ऐसे परिदृष्य की तैयारी की जा सकती है, जिसमें बैंकों को शाखाएं खोलने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन वे एप या वेबसाइट के जरिए बचत खाते खोलने, लोन-देन, कार्ड जारी करने और पेमेंट सेवाएं देने जैसे काम कर सकेंगे।’
हांगकांग, सिंगापुर प्रक्रिया शुरू-
समिति ने कहा कि हांगकांग मॉनेटरी अथॉरिटी (एचकेएमए) ने हाल में वर्चुअल बैंक स्थापित करने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। एचकेएमए वर्चुअल बैंक के लिए प्राप्त आवेदनों की जांच कर रही है। मॉॅनिटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (एमएएस) ने भी पिछले हफ्ते पांच डिजिटल बैंक खोलने के लिए लाइसेंस आमंत्रित किए हैं। एमएएस इस साल के अंत तक आवेदन स्वीकार करेगा।
नेशनल डिजिटल लैंड रिकॉर्ड की सिफारिश-
फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स के डिमैटीरियलाइजेशन (डीमैट) स्वरूप की सिफारिश करते हुए समिति ने एफडी, लघु बचत योजनाओं, डाकघर बचत योजनाओं, गोल्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट और सॉवरेन गोल्ड बांड्स जैसी योजनाओं के खाते डीमैट के रूप में तब्दील करने की सिफारिश की है। समिति ने इसके लिए जरूरी नियामक और कानूनी बदलाव करने की सिफारिश की है। सरकार को उसके अधीन आने वाली संस्थाओं जैसे पोस्ट ऑफिस में रखी सभी फाइनेंशियल एसेट्स को इलेक्ट्रिॉनिक तरीके से डीमैट फॉर्म में बदलने के लिए अभियान चलाना चाहिए। इसके अलावा समिति ने भूमि रिकार्ड्स का मानकीकरण करने के लिए नेशनल डिजिटल लैंड रिकॉर्ड मिशन शुरू करने की सिफारिश भी की है।
क्या होता है वर्चुअल बैंक-
वर्चुअल बैंक ब्रांच की जगह इंटरनेट के जरिए रिटेल बैंकिंग सेवाएं देता है। वर्चुअल बैंक नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं इसलिए वे अपने ग्राहकों को शीघ्र सस्ती दरों पर सेवाएं मुहैया करा सकते हैं। साथ ही परंपरागत बैंकों के मुकाबले डिपॉजिट पर अधिक रिटर्न मुहैया करा सकते हैं।