लोकसभा चुनाव 2019 में सफलता के बाद अब सदस्यता अभियान में जुटने जा रही है। इसे लेकर उसने अब मुस्लिम स्त्रियों की ओर खासतौर से ध्यान केंद्रित करने की रणनीति बनाई है। बीजेपी ने बाकायदा चुने हुए विषयों को लेकर मुस्लिमों के बीच जाने का निर्णय किया है। इसके जरिए प्रदेश की मुस्लिम स्त्रियों को भरोसा दिलाया जाएगा कि उनकी हितचिंतक सिर्फ व सिर्फ बीजेपी ही है। सदस्यता अभियान को लेकर तीन दिन पहले हुई मीटिंग में अल्पसंख्यक, विशेषकर मुस्लिम स्त्रियों को अधिक से अधिक संख्या में बीजेपी से जोड़ने के प्रस्ताव पर सहमति बनी है।
भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की यूपी इकाई के अध्यक्ष हैदर अब्बास चांद ने इस बारे में कहा, “भाजपा मुस्लिमों के लिए कभी अछूत नहीं रही है। हमने इस समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ा है। बड़ी संख्या में खुद लोग अब हमसे जुड़ रहे हैं। व भी लोगों को जोड़ने का फैसला लिया गया है। ”
चांद ने आईएएनएस को बताया, “तीन तलाक मामला मुस्लिम स्त्रियों को बीजेपी के करीब लाने में बहुत ज्यादा मददगार साबित हुआ। अन्य राज्यों में भी बीजेपी मुसलमानों को प्रत्याशी बना चुकी है। इससे इस वर्ग को विश्वास हो गया है। बीजेपी उनके भविष्य की चिंता कर रही है। लिहाजा हम सदस्यता अभियान के दौरान अपना मुख्य फोकस अल्पसंख्यक, विशेष कर मुस्लिम महिला वर्ग पर रखना चाहते हैं। ”
चांद ने बताया कि अशिक्षित स्त्रियों व तीन तलाक पीड़ित स्त्रियों को जागरूक किया जाएगा व घर-घर जाकर नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हित में चल रहीं योजनाओं के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया, “हमने एक जिले में 10 हजार मुस्लिम स्त्रियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। सारे प्रदेश में लगभग पांच लाख मुस्लिम स्त्रियों को जोड़ने का कोशिश किया जाएगा। यह अभियान छह जुलाई से चलाया जाना है। मेरे नेतृत्व में एक लाख 35 हजार नये मेम्बर बने थे, जिसमें महिला व पुरुष दोनों शामिल हैं। ”
अवध क्षेत्र की मीडिया प्रभारी रुखशाना नकवी ने आईएएनएस से कहा, “तीन तलाक विरोधी कानून का बहुत अच्छा प्रभाव हुआ है। अन्य योजनाओं का मुस्लिम स्त्रियों पर बहुत अच्छा प्रभाव हुआ है। यहां पर हर बूथ पर अल्पसंख्यक स्त्रियों ने बीजेपी को वोट दिया है। अब हर रोज मेरे पास बीजेपी से जुड़ने के लिए फोन आ रहे हैं। ”
उन्होंने बताया, “मेरे पास 16 जिलों का प्रभार है। लगभग हर जिले से एक हजार मेम्बर बनाने का लक्ष्य रखा है। मुस्लिम महिलाएं बेहद प्रताड़ित हैं। इनकी समाचार किसी दल ने नहीं ली है। सभी सिर्फ वोट बैंक के लालच में अपने को मुस्लिम हितैषी बताने में जुटे हैं। इस बार खासकर मुस्लिम स्त्रियों को बीजेपी सरकार से फायदा हुआ है। वे बीजेपी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही हैं। ”
रुखशाना ने कहा, “हाल के दिनों में मुस्लिम स्त्रियों में जागरूकता बहुत ज्यादा बढ़ी है। केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकारों द्वारा मुस्लिम स्त्रियों को आत्मनिर्भर एवं स्वावलम्बी बनाने की दिशा में जो काम किए गए हैं, इससे प्रभावित होकर मुस्लिम महिलाएं लगातार बीजेपी से जुड़ रही हैं। ”
अल्पसंख्यक मोर्चा की रशीदा बेगम ने कहा, “हाल के दिनों में मदरसा बोर्ड में नाजनीन अंसारी को सदस्य, सौफिया अहमद को अल्पसंख्यक आयोग का मेम्बर एवं आसिफा जमानी को उर्दू एकेडमी का चेयरमैन बनाए जाने समेत मुस्लिम स्त्रियों की सहभागिता सरकार में बढ़ाने से उनका झुकाव तेजी से पार्टी की तरफ हो रहा है। पहली बार कोई सरकार मुस्लिम स्त्रियों के हक हुकूक की बात कर रही है। “