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इस बीमारी ने ली अरुण जेटली की जान

मनोहर पार्रिकर, सुषमा स्वराज के बाद अरुण जेटली का चले जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका है। आर्थिक मामलों के लिए अरुण जेटली भाजपा के थिंक टैंक थे। किडनी संबंधी बीमारी से ग्रसित अरुण जेटली का पिछले साल मई में किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। लेकिन किडनी के साथ-साथ जेटली कैंसर से भी जूझ रहे थे।

उनके बाएं पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया। इसकी सर्जरी के लिए जेटली जनवरी 2019 में अमेरिका भी गए। सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीडि़त हैं। यह एक तरह के कैंसर का प्रकार है और यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं। यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है। यानी यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है। ये बीमारी जिस इंसान को होती है उस व्यक्ति के कंधों और पैरों पर सबसे ज्यादा असर डालती है। ये किसी भी उम्र में हो सकती है और इसका इलाज सर्जरी ही है। इस बीमारी को लेकर दुखद यह है कि इसके लक्षण शुरूआती चरण में नजर नहीं आते हैं। किसी व्यक्ति को जब मांसपेशियों और नसों में तेज दर्द रहने लगे तो उसे सावधान हो जाना चाहिए।

ये हैं लक्षण
-शरीर में सूजन या गांठ बनना, हड्डियों में दर्द रहना।
-दर्द होना, जब ट्यूमर नसों या मांसपेशियों को दबाता है।
-पेट में दर्द जो हर दिन धीरे-धीरे बढ़ रहा हो।
– स्टूल या वॉमिटिंग में खून आना।

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