सरकार ने ऑटो सेक्टर में छाई मंदी को दूर करने के लिए एक प्रभावी कदम उठाया है. सरकार ने वैसे के लिए पेट्रोल व डीजल वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी के निर्णय पर पुर्नविचार करने का निर्णय किया है. ऑटो इंडस्ट्री लंबे वक्त से इस बढ़ोतरी को टालने का कोशिश कर रही थी.
कारों की रजिस्ट्रेशन फीस 5,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव
पिछले महीने सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राफ्ट अधिसूचना जारी करके इंटरनल कंबशन इंजन वाली कारों की रजिस्ट्रेशन फीस में 5,000 रुपये तक करने का प्रस्ताव दिया था. वैसे यह राशि 600 रुपये है. इसके अतिरिक्त इंटरनल कंबशन इंजन वाली कारों के रजिस्ट्रेशन री-न्यू करवाने की फीस बढ़ाकर 15000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया था.
सरकार पड़ी ढीली
सूत्रों का बोलना है कि ऑटो इंडस्ट्री की चिंताओं को देखते हुए सरकार अब सक्रिय तौर पर फीस बढ़ोतरी को लेकर ज्यादा सक्रिय नहीं है. ऑटो कंपनियों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि उन्हें मंदी से उबारने के लिए सरकार कोई पैकेज जारी करे. इंडस्ट्री ने GST की दरों में कमी के साथ रजिस्ट्रेशन फीस समेत दूसरे शुल्कों को कम करने की मांग की थी.
वित्त मंत्री से मिला था ऑटो सेक्टर
इसके लिए ऑटो कंपनियों ने वित्त मंत्री निर्मता सीतारमन से मुलाकात कर इंडस्ट्री के मौजूदा हाल से अवगत कराया था. जिसके बाद वित्त मंत्री ने पीएम से भी इसे लेकर चर्चा की थी.इस वर्ष जुलाई में यात्री वाहनों की बिक्री में 19 वर्ष की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज हुई है, जब बिक्री घटकर 18.71 प्रतिशत तक पहुंच गई है. सोसाइटी ऑफ भारतीय ऑटोमोबाइल एसोसिएशन यानी सियाम के आंकड़ों के मुताबिक पहले सात महीनो में यात्री वाहनों की बिक्री में 13.2 प्रतिशत लगभग 17 लाख यूनिट्स की गिरावट आई थी.
इलेक्ट्रिक वाहनों को रजिस्ट्रेशन फीस में छूट
26 जुलाई को जारी दूसरी ड्राफ्ट अधिसूचना में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस में छूट देने का प्रस्ताव दिया गया था. वहीं पेट्रोल व डीजल से चलने वाले वाहनों पर फीस बढ़ाने की बात कही गई थी, ताकि लोग हतोत्साहित हों व इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुख करें.
दोपहिया वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस 1,000 रुपये
सूत्रों का बोलना है कि हालांकि सड़क, परिवहन मंत्रालय के इस मसौदे पर निर्णय 26 अगस्त को होगा, क्योंकि इसका एक महीना पूरा होने वाला है. वहीं फीस बढ़ोतरी पर निर्णय दो महीने से पहले नहीं होने वाला है, तब तक पुरानी फीस ही जारी रहेगी. सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक पेट्रोल व डीजल से चलने वाले दोपहिया वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस 1,000 रुपये, तिहपिया वाहनों पर 5,000 रुपये व कमर्शियल रोशनी मोटर व्हीकल्स पर 10,000 व मध्यम श्रेणी के भारी वाहनों व यात्री वाहनों पर 20,000 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस की जानी चाहिए.