लखनऊ। जयपुरिया प्रबंध संस्थान, लखनऊ में प्रो. राम चरन के एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का आयोजन जयपुरिया प्रबंध संस्थान में चलने वाली लीडरशिप विचार संगोष्ठी श्रंखला के अंतर्गत किया गया।
ज्ञात हो की प्रो. राम चरन एक विश्व विख्यात सलाहकार हैं और लगभग 25 किताबे भी लिख चुके हैं जिनकी 20 लाख से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं। प्रो. राम विश्व की कई सुप्रसिद्ध कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को प्रशिक्षण दे चुके है व कई देशो की अनेक कंपनियों के बोर्ड में भी हैं।
हापुड़ से हारवर्ड यूनिवर्सिटी तक
हापुड़ से हारवर्ड यूनिवर्सिटी तक के सफर की यादें साझा करते हुए प्रो राम ने कहा कि बचपन में काली तख्ती और खड़िया पर कि पढाई ने उन्हें सबसे ज्यादा सिखाया और ये हर शिक्षक का कर्त्तव्य है कि वो अपने छात्रों कि योग्यता एवम छमता बढ़ाने के लिए काम करे।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमे ज़िन्दगी में सूचीबद्ध तरीके से काम करना चाहिए, हमे 2 से 3 चीज़ों कि एक प्रथिमिक सूची बनानी चाहिए और अपने पूरे समय का दो तिहाई समय उन चीज़ों को अमल में लाने के लिए लगाना चाहिए । उन्होंने छात्रों को कुछ सफलता के मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि आपको एक अच्छा मैनेजर होने के लिए एक अच्छा श्रोता होना बहुत आवश्यक है। आपको धैर्य के साथ सामने वाली कि पूरी बात सुननी चाहिए।
इंटनेट और बिज़नेस पर
इंटनेट और बिज़नेस पर उसके महत्त्व पर बोलते हुए प्रो. राम ने कहा की इंटरनेट ने आज भोगौलिक, देश, संस्कृति, धर्म अदि सभी सीमाओ को तोड़ दिया है आज हम विश्व के किसी भी हिस्से में बैठकर किसी बे देश में बिज़नेस कर सकते हैं. उन्होंने अमेज़न, उबेर और नेटफ्लिक्स जैसी कम्पनीज का उदाहरण देते हुए कहा की पिछले एक दसक में इन कम्पनीज ने अपने बिज़नेस को बहुत बढ़ाया है।
प्रो. राम ने कहा की सफलता के लिए पूर्वनिर्धारित लक्ष्य का होना अति आवश्यक है। उसी लक्ष्य के हिसाब से बिज़नेस रणनीति बनानी चाहिए तथा उस रणनीत को कुशलतापूर्वक अमल में लाने हेतु सभी प्रयास किये जाने चाहिए। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए की संस्थान में पूरी पारदर्शिता हो। इस व्याख्यान में शहर की कई जानी मानी हस्तियां , उद्योगपति, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीयों समेत कई मीडिया सम्पादको ने भी भाग लिया। इस अवसर पर जयपुरिया प्रबंध संस्थान के अध्यक्षशरद जयपुरिया, उपाध्यक्ष श्रीवत्स जयपुरिया व संस्थान कि निदेशक डॉ. कविता पाठक सहित सभी शिक्षकगण व संस्थान के छात्र मौजूद थे।