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बंगाल का विभत्स लोकतंत्र

जी हां मुझे ये कहते व लिखते जरा भी झिझक नही कि बंगाल मे केवल कहने भर को T.M.C. या ममता बनर्जी की सरकार है. बाकी वहां–“खूनखराबा, कत्लोगारत सब ममता बनर्जी जैसी लेडी माफिया के इशारे पे सरेआम हो रहा,एक तरह से वहां का पुरा लोकतंत्र ही ममता बनर्जी के ठेंगे पे है। वे कभी-कभी सरेआम ये साबित भी करती रहती है कि बंगाल या कोलकोता का मतलब मै,आमी और सिर्फ आमी।

बंगाल के साथ

इस समय ममता बनर्जी एक सनकी,बेहुदा और काफी टुच्चे स्तर का बर्ताव बंगाल के साथ कर रही. एक तरह से आप कह सकते है कि वे—“बंगाल की महिला किमजोंग है”। वे अपने मनमाफिक सभी को उस किमजोंग की तरह चलाना और रखना चाहती है. उनके अंदर चिडचिडापन अपने चरम पे है,उनका ये चिडचिडापन आज का नही है,पहले का है,हां इसमे इतना परिवर्तन जरुर आया है कि–इस लोकसभा चुनाव 2019 मे भाजपा का बंगाल मे प्रदर्शन एक कील की तरह उन्हे चुभ गया और उसी चुभन ने ममता बनर्जी के चिडचिडेपन को सोलह गुना बढ़ा दिया है। वैसे आमजनमानस को भी लग रहा की अब शायद ममता बनर्जी के हाथ से सत्ता खिसक रही है,तभी वे इतनी बदहवास पगलायी फिर रही है।

ये पागलपन उनके अनाप-शनाप निर्णय मे दिख भी रहा,कही भी जय श्रीराम का नारा सुनती है,तो उसपे कटखनी बिल्ली की तरह हमला कर या करवा देती है.आज बंगाल मे जैसे उनके सोते समय भी कोई हिन्दू उन्हें जय श्रीराम कह चिढ़ा रहा. सच कहे तो वे अनचाहे ही–“भाजपा के चाणक्य अमित शाह के कूटनीतिक जाल मे इतनी बुरी तरिके से फस गई है कि हमे तो लग रहा कि इससे अब ममता बनर्जी का निकलना थोडा़ बहुत तभी हो पायेगा जब भाजपा बंगाल के विधानसभा का चुनाव बहुमत के साथ जीत जाये”।

अलोकतांत्रिक शासन

ममता बनर्जी का ये अलोकतांत्रिक शासन ही है कि बंगाल मे पुरी तरिके से कानून व्यवस्था ध्वस्त है.जबकि एक मुख्यमंत्री का ये पहला दायित्व है की वे राज्य मे सम्भाव और सद्भाव बनाये रंखे,लेकिन ये ममता बनर्जी का एक आपराधिक अंदाज है दमन,सत्य का कत्ल करना,एक जाति विशेष का तुष्टिकरण व मुस्लिम वाह्य अपराधी को हथियार की तरह इस्तेमाल करना यानि वहां सरकार और माफिया राज दोनो चलाती है,उन्हे शायद पता नही की “वाह्य मुस्लिमों का तुष्टिकरण किसी भी राज्य के लिये कैंसर की तरह है”।

अभी कुछ दिनो पहले प्रिंट मिडिया व इलेक्ट्रॉनिक मिडिया मे ये खबर चल रही थी की. भाजपा कार्यकर्ताओं को मारने व धमकाने के लिये उसके घर कुछ बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमान गये थे.ये हमारे देश का दुर्भाग्य भी है कि कुछ तथाकथित लोग—“दो-तीन राज्यों को यहां का पाकिस्तान बनाने पे तुले है”.

अमन-चैन पसंद

आये दिन की इन घटनाओं से अमन-चैन पसंद हिन्दू और मुसलमान दोनो वहां पिडित है.रोज की आम दिनचर्या भी पुरी तरह भयग्रस्त है,मुझे ज्यादा तो नही इतना तो याद है कि कभी मेरे जिले और गाँव जवार का हर घर से एक या दो व्यक्ति कलकत्ता या बंगाल मे अपनी रोजीरोटी कमाने जाता था.आज हालात यह है कि ढूढें भी पता नही चलता की किसके यहा का कौन? कोलकाता या बंगाल मे रहता है।

एक तरह से रोजगार देने वाला बंगाल आज मर गया है,वहां आये दिन हत्या,दंगा,आगजनी अब आम है,हालात इतने बदतर है कि केन्द्र सरकार के गृहमंत्री ने ममता बनर्जी से लिखित मे कानून व्यवस्था पे स्पष्टीकरण मांगा,वहां के राज्यपाल ने हालात के बारे मे दिल्ली सरकार को जानकारी दी व बंगाल मे एक बैठक इसको लेकर आहुत की जिसमे शायद ममता बनर्जी अनुपस्थित रही।

बंगाल मे ये सारे हालात बेशक ममता बनर्जी ने ही खड़े किये है,सच तो ये है कि वे कहने भर को ही मुख्यमंत्री है नही तो वे–“एक लेडी माफिया” है.इनके पाले गुंडे-अपराधी का हर कही दखल है चाहे वे वहां के डाक्टरों को पिटना हो या किसी अन्य को मारना हो, यहां तलक कहने वाले कहते है कि–“T.M.C. के कार्यकर्ता पार्टी की आड मे अपने गुंडागर्दी का आफिस खोल धन-उगाही का कार्य करते है”. अब तो इस अंधेर-नगरी चौपट राजा यानि ममता बनर्जी को लोकतंत्र के सबसे बडे़ हथियार अपने वोटो से आज़िज आ चूकी आम जनता मार देगी और वहां इस लोकतंत्र के कानून का राज कायम होगा।

रंगनाथ द्विवेदी

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