भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के हिंदुस्तान लाए जाने के मुद्दे में निर्णय आज आ सकता है. इस मुद्दे की सुनवाई आज लंदन की न्यायालय में होगी. अगर आज विजय माल्या के प्रत्यर्पण का निर्णय हो जाता है, तो उनके पास यूरोपीय न्यायालय में जाने का रास्ता बचा रहेगा. माल्या को हिंदुस्तान लाने की पूरी प्रयास की जा रही है. हालांकि, इस बीच विजय माल्या ने पैसे देने की पेशकश रखी थी.बता दें कि बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का लोन लेकर भागे विजय माल्या को दो जुलाई तक ब्रिटेन में बने रहने की मोहलत मिली थी. उच्च न्यायालय ने माल्या की अर्जी पर उसे दो जुलाई को अपने मुद्दे के संक्षिप्त बिंदुओं को रखने की अनुमति दी थी, इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि उसके हिंदुस्तान प्रत्यर्पण पर निचली न्यायालय के निर्णय के विरूद्ध सुनवाई की जाए या नहीं.
हाई न्यायालय के ऑफिसर के अनुसार, आज विजय माल्या के प्रत्यर्पण मुद्दे में केवल मौखिक रूप से बिंदु रखे जाएंगे. फरवरी में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट न्यायालय ने माल्या को हिंदुस्तान प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दिया था. इसी के आधार पर ब्रिटेन के गृह सचिव साजिद जावीद ने माल्या के प्रत्यर्पण का प्रशासनिक आदेश जारी कर दिया था. इसी आदेश पर रोक लगवाने के लिए माल्या ने उच्च न्यायालय में अर्जी दी.
गौरतलब है कि दो जुलाई को माल्या की लीगल टीम के मेम्बर व ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस के मेम्बर हिंदुस्तान सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में अपने-अपने तर्क रखेंगे. कानूनी जानकारों के अनुसार ब्रिटिश उच्च न्यायालय में प्रत्यर्पण आदेश पर रोक लगाने की अर्जी खारिज होने के बाद माल्या के पास उच्चतम न्यायालय के पास जाने का विकल्प भी बाकी रहेगा. इतना ही नहीं माल्या के पास फ्रांस के स्ट्रासबर्ग स्थित यूरोपीय न्यायालय ऑफ ह्यूमन राइट्स के पास भी जाने का विकल्प बाकी है. जहां वह हिंदुस्तान में हिरासत के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देकर अपना प्रत्यर्पण स्थगित करने की अपील कर सकता है.