स्ट्रेस यानी तनाव व चिंता को आमतौर पर घातक माना जाता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने स्ट्रेस की एक ऐसी कैटिगरी का पता लगाया है जिसकी वजह से इंसान की आयु लंबी हो सकती है. इससे इंसान में बुढ़ापा आने की प्रक्रिया को धीमा करने व आयु बढ़ाने में मदद मिल सकती है. चूहों पर किया गया स्ट्रेस के असर का अध्ययन
अमेरिका में ह्यूस्टन मेथडिस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने यीस्ट, कुछ छोटे कीड़े-मकोड़ों व चूहों पर इस स्ट्रेस के असर का अध्ययन किया है. यीस्ट के मुद्दे में वैज्ञानिकों को पता चला कि इस स्ट्रेस के असर से आयु में बढ़ोतरी होती है. इस स्ट्रेस को वैज्ञानिकों ने क्रोमैटिन स्ट्रेस नाम दिया है जिसकी वजह से किसी के डीएनए में परिवर्तन आते हैं.
इंसान में भी होगी इस स्ट्रेस की मौजूदगी
वैज्ञानिकों ने बताया कि यीस्ट, चूहों के अतिरिक्त क्रोमैटिन स्ट्रेस दूसरे जीवों में भी होता है. जाहिर है इसकी मौजूदगी इंसानों में भी हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह इंसानों में बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करने व लंबी आयु की नयी संभावनाओं को खोलने में मदद करेगा.