भारत सरकार ने संसद में इस बात की पुष्टि कर दी कि पाक व बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को बिना किसी वैध दस्तावेज के भी हिंदुस्तान की नागरिकता मिलेगी. सरकार ने मंगलवार को इसकी जानकारी संसद में दी. सरकार की ओर से केंद्रीय गृह प्रदेश मंत्री नित्यानंद राय ने कांग्रेस पार्टी सांसद प्रद्युत बारदोलोई के सवालों का जवाब देते हुए बोला कि नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 तीन वर्ष पहले नागरिकता संशोधन विधेयक, 2016 के रूप में आरंभ में लोकसभा में पेश किया गया था. बाद में इसे संयुक्त संसदीय समिति में भेजा गया था.समिति ने इसी वर्ष सात जनवरी को अपनी रिपोर्ट संसद को दे दी थी. नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 पर चर्चा करने के बाद लोकसभा ने इसे 8 जनवरी, 2019 को पारित कर दिया था. यह अभी राज्यसभा में लंबित है. 16वीं लोकसभा खत्म होने के साथ ही यह विधेयक अपने आप समाप्त हो गया था.
नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 का मुख्य उदृेश्य मुस्लिम बहुल बांग्लादेश, पाक व अफगानिस्तान के उन 6 अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है जो धार्मिक हिंसा के शिकार होने के कारण अपना वतन छोड़ने को विवश हैं. नागरिकता विधेयक, 1955 ऐसे लोगों को गैरकानूनी प्रवासी करार देता है व इन्हें भारतीय नागरिकता का आवेदन करने के हक से वंचित करता है. इस हालात में सरकार का यह कदम इन अल्पसंख्यक समुदायों के लिए बहुत ज्यादा राहत भरा साबित होगा.