पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना से देशभर के डॉक्टरों में रोष देखने को मिल रहा है। बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब देश के अन्य हिस्सों में भी दिखना शुरू हो गया है। दिल्ली, यूपी, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है।
दिल्ली एम्स सहित देशभर के सरकारी और निजी डॉक्टरों से शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। इसके बाद दिल्ली एम्स के आरडीए ने दिनभर हड़ताल पर रखने की घोषणा की है। इससे ओपीडी के अलावा आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित होंगी। राजधानी दिल्ली में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है, जिसका असर AIIMS जैसे बड़े अस्पतालों में देखने को मिलेगा।
इसके अलावा मुंबई में भी डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है। मुंबई के डॉक्टरों का कहना है कि वह साइलेंट प्रोटेस्ट करेंगे। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के एनआरएस अस्पताल में दो डॉक्टर पर हमले की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा अहम मुद्दा है। इसे लेकर वे जल्द ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे। हर राज्य में डॉक्टरों को बेहतर माहौल और सुरक्षा मिलेगी, तभी जनता स्वस्थ रह सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डॉक्टर समाज के मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की है कि हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाओं को प्रभावित नहीं किया जाए। अपने अधिकारों के लिए कोई भी आवाज उठा सकता है, लेकिन उससे समाज या जनता को नुकसान नहीं होना चाहिए। पश्चिम बंगाल जैसी घटनाएं दोबारा न हो इसके लिए जल्द ही सभी राज्यों के साथ बातचीत की जाएगी।