बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने चाइना के विशेषज्ञों को संघ के विचारकों दीनदयाल उपाध्याय व श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों के अध्ययन की सलाह दी है. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जानने के लिए भाजपा नेताओं ने चीनी विशेषज्ञों को यह सुझाव दिया है. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का बोलना है कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय पॉलिटिक्स की दिशा बदल रही है, इसे समझने के लिए संघ विचारकों को जानना भी महत्वपूर्ण है. ‘भारत में हो रहे परिवर्तन को समझने के लिए संघ विचारकों को जानना जरूरी’
चीन के शिचवुआन यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज में व्याख्यान देते हुए भाजपा नेता तरुण विजय ने कहा, ‘भारतीय पॉलिटिक्स में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में व्यापक परिवर्तन हो रहे हैं. इसे समझने के लिए चाइना के विचारकों को पंडित उपाध्याय व चिकित्सक मुखर्जी के विचारों को निश्चित तौर पर जानना चाहिए.‘ विजय ने इस बारे में हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘कई क्रांतिकारी निर्णय पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए हैं. योग की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए प्रयास, किसानों के लिए बीमा, सस्ती दरों पर कुकिंग गैस जैसी योजनाएं उपाध्याय जी के मानवीय आदर्शों से प्रभावित हैं.‘
राम माधव व तरुण विजय चाइना से बेहतर संबंधों के लिए कर रहे कोशिश
बीजेपी के वरिष्ठ नेता तरुण विजय व राम माधव अपने स्तर पर चाइना के विशेषज्ञों, विचारकों से संबंध बनाने के लिए कोशिश कर रहे हैं. यह कोशिश व्यक्तिगत स्तर पर हो रहे हैं वसरकारों के बीच बेहतर प्रयासों से अलग ऐसे कोशिश किए जा रहे हैं. कुछ दिन पहले ही चाइना के पोलित ब्यूरो के मेम्बर ली शी ने हिंदुस्तान का दौरा किया था. ली के इस भ्रमण के दौरान राम माधव भी अन्य नेताओं के साथ उनके स्वागत के लिए थे.
बीजेपी नेता ने कहा, ‘नए हिंदुस्तान के विचार में उपाध्याय व मुखर्जी का प्रभाव’
चीन की यूनिवर्सिटी में दिए अपने सम्बोधन में विजय ने बोला कि संघ के पुरोधा विचारकों के विचारों को समझना मौजूदा भारतीय दशा को समझने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘नए हिंदुस्तान के नेताओं के विचारों पर पंडित उपाध्याय की लेखनी का असर है. पंडित उपाध्याय के मानवीयता को जरूरी मानने के विचार व चिकित्सक मुखर्जी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का गहरा असर है.‘
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व मानवीयता पर भाजपा का जोर
विजय ने संघ विचारकों के बारे में कहा, ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद व जरूरी मानवीयता ही वह आधार है जो अंतिम आदमी के कल्याण की (अंत्योदय) बात करता है. यह विचार ही सभ्यता की प्रेरणा का प्रमुख स्त्रोत है व भाजपा की कार्यशैली का भी अहम भाग है.‘ विजय ने आईएसएएस के डायरेक्टर ली ताओ को उपाध्याय व मुखर्जी के साहित्य को भेंट करने का वादा भी किया. उपाध्याय व मुखर्जी जनसंघ के निर्माणकर्ता मेम्बर थे.
विजय ने कहा, ‘अब तक इन विचारकों को वामपंथी नजरिए से ही आपने (चीन के लोगों ने) पढ़ा है. यही वजह है कि हम अपना साहित्य अब लोगों तक पहुंचा रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि चाइना में इस साहित्य को लोकल भाषा में अनुवाद किया जाएगा व इसे व्यापक स्तर पर पढ़ा भी जाएगा.‘