एटा। सेवा समाप्त होने से आक्रोशित पालिका कर्मचारियों ने नगर पालिका का घेराव करते हुए जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियो ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिना किसी नोटिस या सूचना के सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं जो की गलत है। वही दूसरी तरफ़ सफाई कर्मचारियों के समर्थन में अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के नेता भी पहुँच गए हैं।
सफाई कर्मचारियों ने कार्य से विरत रहते हुये हड़ताल शुरू कर दी है। जब इस संबंध मे एटा चैयरमैन मीरा गांधी से जानकारी चाही तो चैयरमैन प्रतिनिधि राकेश गांधी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये सफाई कर्मचारी डूडा द्वारा संविदा पर नियुक्त किये गए थे परंतु कोरोना के चलते ग्रांट कम हो गई है, जिसके कारण इनको वेतन देने में संकट पैदा हो गया है।
नियमानुसार जो ग्रांट आती है उसमें सबसे पहले पेंशन भोगियों को पेंशन देने का प्रावधान है।इसके उपरांत स्थाई कर्मचारियो को वेतन दिया जाये फिर बचे पैसे को विकास कार्यो इत्यादि मे खर्च किया जाये। अभी स्थाई कर्मचारियो का भी एक माह का वेतन रुका हुआ है।ऐसे मे अस्थाई कर्मचारियों को वेतन नही मिल पायेगा अतः इनको हटाने का निर्णय नगर पालिका द्वारा किया गया है।
रिपोर्ट-अनुज प्रताप सिंह