बीते साल दुनिया भर में संघर्षों में रिकॉर्ड संख्या में 280 सहायता कर्मी मारे गए। इस साल इनकी मौतों का यह आंकड़ा बीते साल के मुकाबले और भी भयावह हो सकता है। यह खुलासा सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने किया।
ओसीएचए के मुताबिक, 2023 में 33 देशों में 280 सहायता कर्मी मारे गए। यह 2022 के 118 मौतों के आंकड़े के दोगुने से भी ज्यादा है। सहायता कर्मियों की आधी से ज्यादा मौतें अक्तूबर में शुरू हुए इस्राइल-गाजा युद्ध के पहले तीन माह में हुईं। इसमें भी अधिकांश सहायताकर्मी हवाई हमलों में मारे गए। इनमें से ज्यादातर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के सदस्य थे। एजेंसी
परिजनों को एक लाख की मदद
नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत सरकार ने घोषणा की है कि वह रविवार रात भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये की सहायता देगी। मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह ने सोमवार को इसकी घोषणा की।