Breaking News

52 वर्षीय धावक ने 12 दिन में 1000 किमी दौड़कर हासिल की उपलब्धि, भीषण गर्मी में पिघल गए थे जूते

मैराथन दौड़ की अनुभवी 52 वर्षीय नताली डाउ ने 12 दिनों में एक हजार किलोमीटर दौड़कर बड़ी उपलब्धि हासिल की। इस दौरान उन्होंने थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर को कवर किया। भीषण गर्मी और कूल्हे में चोट लगने के बावजूद उन्होंने अपनी दौड़ बरकरार रखी। उनकी दौड़ पांच जून को सिंगापुर में समाप्त हुई। थाइलैंड सिंगापुर अल्ट्रामैराथन 1000 किमी को तेजी से पूरा करने के लिए नताली डाउ को सिंगापुर का अवॉर्ड मिला। अब उन्हें मलेशिया प्रायद्वीप को तेजी से पैदल पार करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से सर्टिफिकेट मिलने का इंतजार है।

मीडिया से बात करते हुए नताली डाउ ने कहा, “आज मैंने पहली बार यह सवाल किया कि क्या मैं इसे सच में पूरा कर पाऊंगी। मुझे खेल में चुनौती स्वीकार करना पसंद है। निराशाएं पसंद नहीं है, जो अक्सर आती रहती हैं।” नताली की इस दौड़ से वैश्विक चैरिटी जीआरएलएस के लिए 50,000 डॉलर से अधिक धनराशि एकत्रित हुई। यह चैरिटी खेलों के माध्यम से लड़कियों और महिलाओं को सहायता प्रदान करती है।

भीषण गर्मी के कारण पिघल गए जूते
नताली ने आगे कहा, “आप चाहे प्रथम आएं या अंतिम। इससे फर्क नहीं पड़ता है। आपने कुछ ऐसा किया जो सबसे अलग है।” नताली डाउ की यात्रा आसान नहीं थी। 35 डिग्री सेल्सियस तापमान में दौड़ने के कारण उनके जूते पिघल गए। पहले दिन ही उन्हें कूल्हे की चोट से जूझना पड़ा। हालांकि, उन्होंने इन चुनौतियों का सामना किया और आगे बढ़ते रही।

नताली ने दौड़ के दौरान अपने समर्थकों को रात में वॉयस मैसेज के अपडेट देती थी। उनकी इस सफलता में टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें उम्मीद है कि उनकी यह उपलब्धि महिलाओं और बुजुर्गों को प्रेरित करेगी। उन्होंने बताया कि इस दौड़ में उन्हें शारीरिक थकान बहुत ज्यादा महसूस हुई। रात में जागना उनके लिए बहुत डरावना पल था। थकान और पैर में छाले होने के बावजूद उन्होंने अपना दौड़ जारी रखा और इस मुकाम पर पहुंचीं।

About News Desk (P)

Check Also

सीओपी29: भारत का जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सामूहिक लड़ाई लड़ने का आह्वान

बाकू। पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन और विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने मंगलवार को अज़रबैजान ...