प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में हो रही भारी-भरकम कमाई के चलते 54 फीसदी निवेशक इसे महज एक हफ्ते में ही बेच देते हैं। पूंजी बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, आईपीओ के शेयर सूचीबद्धता के समय भारी फायदा देते हैं। ऐसे में वे इसका अवसर उठाकर शेयर बेचकर बाजार से निकल जाते हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के मुताबिक स्टॉक एक्सचेंजों पर अप्रैल, 2021 से दिसंबर, 2023 के बीच सूचीबद्ध 144 कंपनियों के आंकड़ों से पता चलता है कि 54 फीसदी निवेशकों ने सूचीबद्ध होने के एक सप्ताह के भीतर ही इनके शेयर बेच दिए हैं। हालांकि, इसमें एंकर निवेशक नहीं हैं। एंकर निवेशक वे होते हैं जो आईपीओ खुलने से एक दिन पहले संस्थागत निवेशक के रूप में पैसे लगाते हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि मोटी कमाई करने के लिए गैर संस्थागत निवेशक 63.3 फीसदी शेयर एक हफ्ते में बेच देते हैं। जबकि 42.7 फीसदी खुदरा निवेशक भी इसी का पालन करते हैं और वे शेयर बेचकर निकल जाते हैं।
घाटे में भी निवेशक बेच देते हैं स्टॉक
रिपोर्ट कहती है कि ऐसे भी निवेशक हैं जो लिस्टिंग के समय हुए घाटे पर भी शेयरों को बेच देते हैं। मूल्य के लिहाज से व्यक्तिगत निवेशकों ने इस तरह के 23 फीसदी निवेशकों ने शेयर घाटे में बेचे हैं। 67.6 फीसदी निवेशक ऐसे रहे हैं जिन्होंने तब शेयर बेचा, जब स्टॉक ने उनको 20 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया। म्यूचुअल फंड आईपीओ शेयरों में लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं। इसके विपरीत बैंक तेजी से स्टॉक बेचते हैं। म्यूचुअल फंडों ने शेयर मिलने के एक सप्ताह में केवल 3.3 फीसदी हिस्सा बेचा है। जबकि बैंकों ने इसी दौरान 79.8 फीसदी हिस्सा बेच दिया है।