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गुड़ी पाड़वा से पहले फिर रिकॉर्ड स्तर पर सोना; सर्राफ बाजार में निवेश पर जानकारों की राय जानें

गुड़ी पाड़वा, नवरात्र और रमजान ईद जैसे त्योहार एक साथ आने की वजह से सोने-चांदी का बाजार में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। वैश्विक बाजार में 28 मार्च को सोने की कीमत लगातार दूसरे दिन 3,077-3,078 डॉलर के बीच रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। त्याहारों के ठीक पहले सोने की कीमतों आई इस उछाल से जानकार भी उत्साहित हैं। इन खास मौकों को देखते हुए सोने में खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है। बीते कुछ समय में बढ़ी हुई कीमतों के कारण आभूषणों की मांग पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन दूसरी ओर सोने की निवेश मांग में तेजी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश में अधिक मांग गोल्ड ईटीएफ, सिक्कों की है। जानकारों की सर्राफ बाजार की चाल पर क्या राय है, आइए जानते हैं।

उपभोक्ताओं का सोने में विश्वास पहले से कहीं अधिक मजबूत
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के क्षेत्रीय सीईओ, भारत सचिन जैन का कहना है, पीढ़ियों से सोना भारतीय संस्कृति में निवेश से कहीं अधिक बढ़कर रहा है। यह शगुन का प्रतीक होने के साथ भारतीय परिवारों में एक मजबूत पैठ रखता है। इस साल सोने की कीमतों नई एतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गईं हैं, जो मौजूदा समय में 90,000 रुपये प्रति दस ग्राम से ऊपर है। इसकी वजह से आभूषणों की मांग प्रभावित हुई है, लेकिन दूसरी ओर गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड और सिक्के व बार की मांग देखी गई है। जिस प्रकार से सोने ने साल दर साल रिटर्न दिया है, उसको देखते हुए सोने में उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ा है।

वे कहते हैं कि गुड़ी पाड़वा, उगादी, चैत्र नवरात्र और रमजान ईद जैसे त्योहारों के आने के साथ ही सोने की चमक बढ़ेगी, क्योंकि इस अवसर सोने की खरीदारी शुभता के लिए की जाती रही है, इसलिए उम्मीद है कि इस दौरान आम उपभोक्ता की ओर से खरीदारी दिखाई देगी। इसके अतिरिक्त मौसमी वजहों और शादी ब्याह से जुड़ी खरीदारी बढ़ने की संभावना है, हालांकि उद्योग जगत थोड़ा सतर्क है। बावजूद इसके उपभोक्ताओं में सोने में लेकर पहले से कही अधिक विश्वास मजबूत हुआ है, हमें उम्मीद है कि आगामी हफ्तो में मांग मजबूत होगी।

जानकार बोले- चांदी में भी निवेश का है बेहतर मौका
सिल्वर इम्पोरियम के राहुल मेहता बताते हैं कि यह समय सोने-चांदी में निवेश करने के लिए अच्छा है। इसमें चांदी जो कि एक बेहतर निवेश के तौर पर सामने आई है, वर्तमान समय में चांदी 98,938 प्रति रुपये किलो पर है। सोना और चांदी दोनों ही अस्थिर धातुएं हैं , जो कि वैश्विक बाजार से चलती हैं। जिसमे भू-राजनीतिक और मुद्रास्फीति मुख्य कारक हैं। इसलिए वर्तमान समय में निवेशकों को एक बात को याद रखना है कि, यह निवेश लंबी अवधि के लिए होना चाहिए। आम निवेशक चांदी के आभूषण और बर्तन सहित चीज वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं, क्योंकि यह चीजें घरो में रहती हैं और इन्हें जल्द नहीं बेचा जाता, जो कि आवश्यकता और अनिश्चितता में सुरक्षित निवेश होता है। वहीं निवेशकों के लिए चांदी बेहतर निवेश है, इसके लिए सिल्वर ईटीएफ, सिक्के की खरीदारी कर सकते हैं।

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