पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेटर वसीम अकरम ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर आखिरकार चुप्पी तोड़ दी है. वसीम अकरम ने कहा कि उन्हें संन्यास लिए 17 साल हो गए. अब भी खिलाड़ी अगर उनके ऊपर बयान देते हैं तो उन्हें निराशा होती है.
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी खुद चर्चा में बने रहने के लिए इस तरह के आरोप लगाया करते हैं. हाल ही में वसीम अकरम पर दो साथी खिलाड़ियों ने गंभीर आरोप लगाए थे. मैच फिक्सिंग में बैन किए गए अता उर रहमान ने वसीम अकरम पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था.
इसके बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज आमिर सोहेल ने भी अकरम पर टीम के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि 1992 विश्वकप के बाद वसीम अकरम ने ये सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान की टीम विश्व कप न जीत पाए. इसके कुछ घंटे बाद वसीम अकरम ने अपनी चुप्पी तोड़ी.
अकरम पर मैच फिक्सिंग का आरोप अता उर रहमान ने लगाया था. अता उर रहमान को जस्टिस कयूम की रिपोर्ट आने के बाद बैन किया गया था. हाल ही में उन्होंने एक वीडियो रिलीज करके कहाकि अकरम ने उन्हें पैसों की पेशकश की थी. इस बात को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन खालिद महमूद ने भी कहा था.
अता उर रहमान ने कहा था कि जस्टिस कयूम कमेटी के सामने बयान बदलने के लिए उनसे अकरम ने ही कहा था. अता उर रहमान ने ये भी कहा था कि अकरम ने उनका करियर तबाह कर दिया. उन्होंने दावा किया था कि अकरम को अगर उनके सामने बिठाकर बातचीत की जाए तो वो सच बताएंगे.
वसीम अकरम का कद सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट में काफी बड़ा है. उन्होंने पाकिस्तान के लिए 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं. इसके अलावा करीब साढ़े तीन सौ वनडे मैच भी उनके खाते में हैं. उन्होंने पाकिस्तान के लिए 900 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं. अकरम रिटायरमेंट के बाद भी क्रिकेट से अलग अलग तरह से जुड़े रहे हैं. वो कॉमेंट्री करते हैं. कोचिंग करते हैं.
अब बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान इस मामले में क्या करते हैं? क्या वो वसीम अकरम पर लगे आरोपों की जांच के लिए कोई कदम उठाएंगे? इमरान से ये उम्मीद इसलिए है क्योंकि वो खुद एक क्रिकेटर रहे हैं. पाकिस्तान के कप्तान रहे हैं. इसके अलावा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के संरक्षक भी वही हैं.