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IDBI बैंक और कंपनी को बेचने की तैयारी पूरी, कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

केंद्र सरकार IDBI बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. सरकार ने हिस्सा बिक्री की प्रक्रिया तेज कर दी है. जानकारी के मुताबिक हिस्सा बिक्री को लेकर ड्राफ्ट नोट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की भी संभावना है. इसी कारोबारी साल में सरकारी हिस्सा बेचने की योजना है. बता दें कि IDBI Bank में सरकार की 46.5 फीसदी हिस्सेदारी है.

आईडीबीआई एक सरकारी बैंक था, जो 1964 में देश में बना था. LIC ने IDBI में 21000 करोड़ रुपये का निवेश करके 51 फीसदी हिस्सेदारी ख़रीदी थी. इसके बाद LIC और सरकार ने मिलकर 9300 करोड़ रुपये IDBI बैंक को दिये थे. इसमें एलआईसी की हिस्सेदारी 4,743 करोड़ रुपये थी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2020 को अपने बजट भाषण में IDBI Bank और LIC में हिस्सा बेचने का ऐलान किया गया था. दोनों में हिस्सा बेचकर 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य था.

सरकार ने SCI में भी अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी शुरू कर दी है. अगर हालात बेहतर रहे तो अगली तिमाही में ही बोली मंगाई जा सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक सरकार अपनी पूरी 63.75% हिस्सेदारी बेचना चाहती है. आर्थिक मोर्चे पर हालात अच्छे रहे तो अगली तिमाही में बोली मंगाई जा सकती है. हिस्सा बिक्री के लिए मर्चेंट बैंकर्स, इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स से अच्छा रिस्पांस मिला है.

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